दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ने 28 महीने के बाद अपने लाइफ टाइम का हाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया. बिटकॉइन की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 69 हजार डॉलर के पार कर गई है. मौजूदा साल में बिटकॉन निवेशकों को करीब 60 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दे चुका है.
जानकारों की मानें तो बिटकॉइन की कीमत में तेजी के दो प्रमुख कारण माने जा रहे हैं. पहला कारण है अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में लगातार निवेश कर रहे हैं. जिसकी वजह से बिटकॉइन की डिमांड में इजाफा देखने को मिल रहा है. दूसरा प्रमुख कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है. जल्द की बिटकॉइन की कीमत 70 हजार डॉलर के पार जाता हुआ दिखाई दे सकता है. बिटकॉइन ने अपना ही रिकॉर्ड 28 महीने के बाद तोड़ा है. नवंबर 2021 के पहले सप्ताह में बिटकॉइन ने 68,991 डॉलर के साथ के साथ लाइफ टाइम हाई का रिकॉर्ड बनाया था. जो मौजूदा समय में 69 हजार डॉलर के पार पहुंच गया है.
20 हजार डॉलर तक गिरा था भाव
नवंबर 2021 में ऑल टाइम हाई बनाने के बाद बिटकॉइन के भाव में गिरावट देखी जा रही थी. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनिया भर में बढ़ी सख्ती और लगातार सामने आईं अनियमितताओं के चलते सभी क्रिप्टोकरेंसी को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा था. उसके चलते बिटकॉइन को भी काफी नुकसान उठाना पड़ था. एक समय तो बिटकॉइन की कीमत कम होकर एक तिहाई से भी कम रह गई थी. जून 2022 में बिटकॉइन का भाव 20 हजार डॉलर प्रति यूनिट से नीचे आ गया था.
एक महीने में आई 45 फीसदी तेजी
हालांकि अब बिटकॉइन की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है. सिर्फ फरवरी महीने के दौरान बिटकॉइन की कीमतों में करीब 45 फीसदी की तेजी आई. पिछले 6 महीने में इसके भाव में 145 फीसदी से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई है. वहीं पिछले एक साल में बिटकॉइन का भाव 180 फीसदी से ज्यादा मजबूत हुआ है.
क्यों हुआ इजाफा?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती हुई टेक्नोलॉजीज से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत बताई थी. अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC की ओर से बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति मिलने के बाद पिछले कुछ सप्ताह से क्रिप्टो मार्केट में तेजी है. हालांकि, देश में क्रिप्टो सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ा है. पिछले महीने पेश हुए बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के निवेदन किए थे. हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने क्रिप्टोकरेंसीज का कोई जिक्र नहीं किया था. इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स को निराशा हुई थी. सरकार ने लगभग डेढ़ वर्ष पहले प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS लगाया था. इसके साथ ही क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स लागू किया गया था. कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने भी इस सेगमेंट को लेकर चेतावनी दी है.