बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में प्रशासनिक लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। विश्वविद्यालय से जुड़े बिलासपुर, लोरमी, मस्तुरी और रतनपुर के पांच कॉलेजों ने अब तक एआईएसएचई (ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन) के पोर्टल पर मांगी गई जरूरी जानकारी अपलोड नहीं की है। उच्च शिक्षा विभाग ने इन संस्थाओं को 15 नवंबर तक का अंतिम समय दिया है, अन्यथा उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध कुल 124 कॉलेजों को सत्र 2025-26 के लिए एआइएसएचई पोर्टल पर अपने छात्रों, आय-व्यय, शिक्षक, पाठ्यक्रम, अल्पसंख्यक छात्रों और अन्य विवरण अपलोड करने थे। यह प्रक्रिया हर वर्ष केंद्र सरकार के निर्देशानुसार की जाती है, ताकि उच्च शिक्षा से संबंधित सटीक आंकड़े उपलब्ध कराए जा सकें। लेकिन पांच कॉलेजों ने अब तक यह जानकारी नहीं दी है।
ये है प्रमुख पांच कॉलेज
- मां डिडनेश्वरी महाविद्यालय,मल्हार मस्तूरी
- ममतामयी मिनीमाता कॉलेज, लोरमी
- सांदीपनि एकेडमी पेंड्री मस्तूरी
- श्री सिद्धि विनायक महाविद्यालय, बिलासपुर
- विद्यासागर महाविद्यालय, बर्रीडीह, रतनपुर
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि बिलासपुर, लोरमी, मस्तूरी और रतनपुर क्षेत्र के इन कॉलेजों को पहले ही कई बार एसएमएस और पत्र भेजकर सूचना दी गई थी। बावजूद इसके कॉलेजों ने निर्देशों की अनदेखी की है। अब उच्च शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि यदि 15 नवंबर तक डाटा अपलोड नहीं किया गया, तो इन कॉलेजों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और उन्हें अनुदान, छात्रवृत्ति एवं संबद्धता जैसी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा। संबद्धता भी रद की जा सकती है।
क्यों जरूरी है जानकारी देना
एआइएसएचई पोर्टल के जरिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्थिति का आकलन करता है। इन आंकड़ों के आधार पर ही छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, अनुसंधान अनुदान और अल्पसंख्यक योजनाएं बनाई जाती हैं। यदि कॉलेज समय पर जानकारी नहीं देते, तो उन छात्रों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता जो इसके पात्र हैं। यही कारण है कि हर कॉलेज को डाटा समय पर अपलोड करना जरूरी है।
ब्लैकलिस्ट के क्या परिणाम
ब्लैकलिस्ट किए गए कॉलेजों को विश्वविद्यालय की ओर से मिलने वाले अनुदान, संबद्धता नवीनीकरण और सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। छात्रों को भी छात्रवृत्ति और शैक्षणिक योजनाओं में कठिनाई होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि यह कदम अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जरूरी है, ताकि सभी कॉलेज अपनी जिम्मेदारी समय पर निभाएं।
प्रदेश में यह स्थिति
छत्तीसगढ़ के कई विश्वविद्यालयों में एआईएसएचई डाटा अपलोड की प्रक्रिया चल रही है। रायपुर और दुर्ग विश्वविद्यालयों ने अधिकांश कॉलेजों का डाटा समय पर पूरा कर लिया है। केवल बिलासपुर क्षेत्र में कुछ संस्थान पिछड़ रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि समयसीमा के भीतर सभी कॉलेज पोर्टल पर पूरी जानकारी अपलोड करें, ताकि योजनाओं का लाभ छात्रों तक सुचारू रूप से पहुंचे।
छात्रों पर यह असर
कॉलेजों की लापरवाही का सीधा असर छात्रों पर पड़ता है। छात्रवृत्ति, फीस रियायत और अल्पसंख्यक योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। दिव्यांग और गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले छात्र सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपील की है कि कॉलेज अपनी जिम्मेदारी समझें, ताकि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ न हो और सभी को शिक्षा की समान सुविधा मिल सके।

