ओमिक्रॉन के संक्रमण का ये एक लक्षण है सबसे अलग, वैज्ञानिकों ने चेताया

भारत में ओमिक्रॉन के मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है. देश में ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या 97 तक पहुंच गई है. दुनिया भर के वैज्ञानिक इस वैरिएंट बारे में जानकारी जुटा रहे हैं. हालांकि शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि ये वैरिएंट अब तक से सभी स्ट्रेन से बिल्कुल अलग है. इसके लक्षण भी पहले की तुलना में इस बार अलग हैं.

ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनिया भर में बहुत तेज गति से फैल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ये वैरिएंट अब तक 77 देशों में फैल चुका है और किसी भी अन्य स्ट्रेन की तुलना में कोरोना के इस वैरिएंट की रफ्तार ज्यादा है. ब्रिटेन में गुरुवार को कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 88376 केस मिले हैं, वहीं अमेरिका में 36 राज्यों में ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं. भारत में भी हर दिन इसके केस (omicron cases in india) बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली में ओमिक्रॉन के आज 10 मरीज मिलने के साथ ही ये आंकड़ा 97 तक पहुंच गया है. ओमिक्रॉन की तेज रफ्तार को देखते हुए इसके लक्षणों को जानना बेहद जरूरी हो गया है ताकि समय रहते संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

ओमिक्रॉन का सबसे आम लक्षण (Omicron symptoms) – दुनिया भर के वैज्ञानिक ओमिक्रॉन के व्यवहार को समझने में लगे हैं. अब तक डेटा से पता चलता है कि कोरोना वायरस का ये वैरिएंट अब तक के पिछले वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक लेकिन कम गंभीर है. कोरोना के अब तक के लक्षणों की तुलना में इसके लक्षण भी हल्के हैं. हालांकि, ओमिक्रॉन के अब तक जितने भी मरीज मिले हैं उनमें एक लक्षण (omicron symptoms) आम है और वो है गले में खराश.

दक्षिण अफ्रीका के डिस्कवरी हेल्थ के सीईओ डॉक्टर रेयान नोच ने हाल ही में एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि डॉक्टरों ने ओमिक्रॉन पॉजिटिव से पता चलता है कि ओमिक्रॉन पिछले कोरोना वायरस की तुलना में बहुत अलग व्यवहार कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘इस विशेष वायरस के लक्षण पिछले वेरिएंट से अलग हैं. बंद नाक, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द और दस्त ऐसे लक्षण हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए.’

‘भारत में तेजी से फैलेगा ओमिक्रॉन संक्रमण’

साउथ अफ्रीकन DSI-NRF सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन एपिडेमायोलॉजिकल मॉडलिंग एंड एनालिसिस (SACEMA) की डायरेक्टर जूलियत पुलियम ने ओमिक्रॉन वैरिएंट के भारत में तेजी से फैलने का दावा किया है. एक इंटरव्यू में पुलियम ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत में हॉस्पिटल प्लानिंग से जुड़े मामलों के लिए तैयार रहना समझदारी भरा कदम होगा.

पुलियम ने कहा कि ओमिक्रॉन पहले संक्रमित हो चुके लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. इसका ट्रांसमिशन रेट पिछले सभी वैरिएंट से बहुत ज्यादा है. शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुके लोग भी नए वैरिएंट से नहीं बच पा रहे हैं. पुलियम ने कहा कि ओमिक्रॉन इंफेक्शन के जो हालात पहले दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिले थे, अब वो दुनियाभर के कई देशों में दिखने लगे हैं. भारत में डेल्टा वैरिएंट के कारण आई दूसरी लहर में भी बदतर हालात देखने को मिले थे.

एक्सपर्ट ने कहा, ‘ओमिक्रॉन इंफेक्शन से होने वाली गंभीरता के बारे में अभी हम बहुत ज्यादा नहीं जानते हैं. मुझे लगता है कि वैक्सीनेटेड और पहले संक्रमित हो चुके लोगों में इसके हल्के लक्षण देखे जा सकते हैं. हालांकि, खराब इम्यूनिटी वालों पर इसका असर पिछले वैरिएंट्स जैसा ही हो सकता है. इसलिए हॉस्पिटल प्लानिंग के मामले में हमें बदतर हालात से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए.’

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