इस शेयर ने भरी लंबी उड़ान, 500 रुपये के बने सवा लाख, जानिए डिटेल

Multibagger Penny Stock: आपने शेयर मार्केट और मल्टीबैगर शेयरों के बारे में तो खूब सुना होगा। आपको पेनी स्टॉक के बारे में भी पता होना चाहिए। आपने ऐसे पेनी स्टॉक भी देखे होंगे, जो देखते ही देखते मल्टीबैगर्स की लिस्ट में शामिल हो गए. अगर कोई स्टॉक अपने निवेशकों का पैसा कम से कम दोगुना कर देता है तो वह मल्टीबैगर बन जाता है। अब अगर हम आपको एक ऐसा स्टॉक बताएं, जिसने अपने निवेशकों का पैसा दो, तीन, चार या दस गुना नहीं बल्कि 250 गुना से ज्यादा बढ़ा दिया है, तो आप जरूर हैरान रह जाएंगे।

यह स्टॉक फिलहाल इसी स्तर पर है

आज हम आपके लिए एक ऐसी छोटी सी कंपनी की कहानी लेकर आए हैं, जो शेयर बाजार में दौड़ने के मामले में बड़ी-बड़ी कंपनियों से मीलों आगे है। यह कहानी है कपड़ा कंपनी राज रेयॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड की। फिर भी इसके शेयर की वैल्यू बहुत ज्यादा नहीं है। सोमवार के कारोबार में एनएसई पर शेयर करीब 2 फीसदी गिरकर 50.75 रुपये पर बंद हुआ।

पिछले 6 महीने से सब ठीक नहीं है

पिछले 6 महीने इस टेक्सटाइल स्टॉक के लिए खास नहीं रहे हैं। पिछले 6 महीने से इसकी कीमतें लगभग स्थिर हैं. इसके बाद इसमें काफी गिरावट देखने को मिली. पिछले एक महीने के हिसाब से यह शेयर करीब 27 फीसदी नीचे चल रहा है, जबकि पिछले 5 दिनों में इसकी कीमत करीब 8 फीसदी घाटे पर है. यह अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से काफी नीचे है। स्टॉक का 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर 70.95 रुपये है, जबकि सोमवार का समापन इसका नया 52-सप्ताह का निचला स्तर है।

इस तरह शेयर में उछाल आया
हालांकि, जैसे ही अवधि थोड़ी बढ़ जाती है, ये स्टॉक जबरदस्त साबित होने लगता है. इस साल जनवरी से अब तक का हिसाब देखें तो यह करीब 40 फीसदी के फायदे में है. पिछले एक साल में राज रेयॉन की कीमत करीब 375 फीसदी बढ़ गई है. वहीं, 5 साल के हिसाब से इसमें 25000 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है।

5 साल पहले यह शेयर 20 पैसे था
अभी राज रेयॉन कंपनी का मार्केट कैप 2,800 करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा है. इस लिहाज से यह एक स्मॉल कैप कंपनी है। आज से करीब 5 साल पहले यानी 27 जुलाई 2018 को एक शेयर की कीमत महज 20 पैसे थी. इसका मतलब है कि पिछले 5 साल में स्टॉक में 253 गुना तेजी आई है।

इस गणना से पता चलता है कि अगर 5 साल पहले किसी ने इसमें सिर्फ 500 रुपये का निवेश किया होता, तो आज उसके निवेश का मूल्य बढ़कर 1.25 लाख रुपये से अधिक हो गया होता.

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