नई दिल्ली. पिछले साल अमरनाथ यात्रा के दौरान गुफा के पास आई आपदा के चलते इस साल गुफा की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ से गुफा के समीप सुरक्षा की जिम्मेदारी ले ली गई है. एनडीआरएफ को भी इस बार सुरक्षा में लगाया गया है. गृह मंत्रालय में आज हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया. गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आईटीबीपी के डीजी, बीएसएफ के डीजी, एनडीआरएफ के डीजी, सीआरपीएफ के डीजी के अलावा आईबी और रॉ चीफ मौजूद थे. अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को आज अंतिम रूप दिया गया. यात्रा की शुरुआत 1 जुलाई से होगी, जो अगले 62 दिनों तक चलेगी.
रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर पुलिस और अमरनाथ श्राइन बोर्ड की तरफ से यह सलाह दी गई थी कि आईटीबीपी के जवानों को गुफा की सुरक्षा में लगाया जाए. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने मुद्दों को इस बैठक के दौरान उठाया. उनकी जरूरतों को देखते हुए सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती भी की जा रही है. बताया गया कि बीते साल अमरनाथ गुफा के पास आई बाढ़ के दौरान आईटीबीपी ने उसमें अहम भूमिका निभाई थी. आईटीबीपी एक पहाड़ों पर काम करने वाली फॉर्स है, जिसे प्राकृतिक आपदा से निपटने की अच्छी समझ है.
आईटीबीपी पहाड़ों में काम करने में एक्सपर्ट
बता दें कि बीते साल अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना सामने आई थी. जिसके चलते वहां बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. काफी लोगों की इसमें मौत भी हो गई थी. तब आईटीबीपी की एक कंपनी को अमरनाथ यात्रा के दौरान तैनात किया गया था. उन्होंने लोगों की जान बचाने के लिए बेहद शानदार तरीके से राहत-बचाव का काम किया था. यही वजह है कि आईटीबीपी को इस बार गृह मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में अहम जिम्मेदारी सौंपी है.