तीर्थन घाटी है पर्यटकों की खास पसंद, ट्रेकिंग और हाइकिंग का भी ले सकते हैं मजा

कुल्लू। प्रकृति की अद्भुत छटा व सुंदर वादियों में आप सुकून पल बिताना चाहते हैं तो तीर्थन घाटी आएं। भीड़भाड़ से दूर यहां बर्फ से ढकी चोटियां, जंगल, खूबसूरत झीलें, झरना व नदी आपका मन मोह लेंगे।

तीर्थन घाटी में बने ट्री हाउस ( पेड़ों पर घर में ठहरने और हिमालय के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने का अवसर आपकी यात्रा को यादगार बना देगा। तांदी, घियागी, सोझा व जिभी गांवों में ट्री हाउस पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। यहां होम स्टे व काष्ठकुणी (लकड़ी) शैली में बने गेस्ट हाउस में भी ठहरने की अच्छी व्यवस्था है।

ट्रेकिंग, कैंपिंग, मछली पकड़ने और पक्षियों को देखने जैसी गतिविधियों का लुत्फ भी उठा सकते हैं। जिभी के पास 360 डिग्री व्यू प्वाइंट में आपका बार-बार जाने का मन करेगा। यहां से घूमने के लिए जलोड़ी जोत, रघुपुर गढ़, सरयोलसर झील भी जा सकते हैं। सर्दियों में जलोड़ी जोत में बर्फ का आनंद लेने काफी पर्यटक आते हैं।

वापसी पर मनाली व आसपास के पर्यटन स्थलों में भी घूम सकते हैं। हिमालय क्षेत्र में स्थित होने के कारण यहां ठंड काफी पड़ती है। इसलिए ट्रेकिंग और हाइकिंग के लिए गर्म कपड़े और अच्छे जूते जरूर साथ लाएं।

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ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क

तीर्थन घाटी के सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। 1,171 वर्ग किलोमीटर में फैला यह पार्क विविध प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है, जिनमें हिमालयी काला भालू, हिम तेंदुआ और कस्तूरी मृग जैसी दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियां शामिल हैं। पर्यटक विभिन्न ट्रेकिंग और हाइकिंग ट्रेल्स के माध्यम से पार्क का भ्रमण कर सकते हैं।

खरीदारी और खान-पान के अच्छे विकल्प

तीर्थन घाटी में घूमने आएं तो आप गर्म कपड़े की खरीदारी कर सकते हैं। खासतौर पर कुल्लू शाल, मफलर उचित दाम पर मिलेंगे। अक्सर यहां पर आने के बाद पर्यटकों को बर्फ देखने के जाते समय बरसाती व गर्म कोट की जरूरत होती है, जिसे आप यहां खरीद सकते हैं।

यहां मिलने वाले कुल्लवी व्यंजनों का लुत्फ उठाया जा सकता है। सिड्डू (मोमो की तरह आटे से बना, जिसे भाप में पकाया जाता है) यहां का विशेष व्यंजन है। इसे देसी घी, चटनी या शहद के साथ खा सकते हैं। यहां के पहाड़ी राजमाह और चावल का अलग ही जायका है। यहां आपको ट्राउट मछली स्वाद भी मिलेगा। इनमें से अधिकतर व्यंजनों को होम स्टे में परोसा जाता है। व्यंजनों की विविधता मिलेगी।

विमान से कुल्लू और वहां से टैक्सी से पहुंचें

तीर्थन घाटी पहुंचने के लिए शिमला से वाया आनी और दूसरी ओर औट से बंजार होकर पहुंच सकते हैं। शिमला से तीर्थन घाटी 187 किलोमीटर और औट से 17 किलोमीटर है।

कुल्लू स्थित भुंतर हवाई अड्डे तक हवाई मार्ग से आ सकते हैं। यहां से 44 किलोमीटर दूर तीर्थन आप टैक्सी करके पहुंच सकते हैं। भुंतर के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ से सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। इस मार्ग पर उड़ानें सीमित हैं। इसलिए पहले बुकिंग करवा लें। रेलगाड़ी से आप चंडीगढ़ तक आ सकते हैं। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से यह 250 किमी और अंबाला स्टेशन से यह 270 किमी दूर है।

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चैहनी कोठी

चैहनी कोठी बंजार घाटी में स्थित एक प्राचीन मीनार है । 17वीं शताब्दी में निर्मित यह मीनार इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत का प्रमाण है। पर्यटक इस मीनार को जरूर देखते हैं। इसके इतिहास और महत्व के बारे में लोगों की रुचि देखी गई है।

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