हैदराबाद। तेलंगाना के सूर्यपेट में एक लोकल अदालत ने 32 साल की महिला बी. भारती उर्फ लासया को अपनी सात महीने की बेटी की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है। मामला वर्ष 2021 का है, जब महिला ने ‘काल सर्प दोष’ से मुक्ति पाने के लिए अपनी मासूम बच्ची की बलि दे दी थी।
अदालत ने इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ (दुर्लभ से दुर्लभतम) मानते हुए शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। कोडड के डीएसपी श्रीधर रेड्डी के मुताबिक, कोर्ट ने सभी सबूतों को देखते हुए महिला को दोषी ठहराया और फांसी की सजा सुनाई।
यूट्यूब और तांत्रिक की सलाह पर की गई थी वारदात
Death sentence to a mother in Suryapet: जांच के दौरान सामने आया कि महिला ने यूट्यूब पर काल सर्प दोष से जुड़े वीडियो देखे थे और इसके बाद एक तांत्रिक से भी संपर्क साधा था। इसके बाद उसने अपनी ही बेटी की बलि देने का खौफनाक कदम उठाया। जानकारी के मुताबिक यह पहला मामला नहीं है जब महिला ने हिंसक हरकत की हो। दो साल पहले उसने अपने पति पर भारी पत्थर से हमला किया था, जिसमें वह घायल हो गया था। उस मामले में भी महिला को सजा मिल चुकी है, और वह फिलहाल जेल में ही बंद है।
अदालत ने कहा- अपराध बेहद अमानवीय
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह अपराध बेहद क्रूर और अमानवीय था। मासूम बच्ची की आस्था के नाम पर हत्या किसी भी सूरत में माफ नहीं की जा सकती। इसलिए यह मामला फांसी की सजा के योग्य है।