छत्तीसगढ़ में राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (GST) अधिनियम 2017 में संशोधन के लिए प्रस्तुत विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। बता दें कि जीएसटी लागू होने के बाई नई कर प्रणाली में कुछ कठिनाईयां सामने आई हैं, जिसके चलते लघु और मध्यम उद्यमों को अतिरिक्त भार का सामना करना पड़ता है।
छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (GST) अधिनियम 2017 करदाताओं के लेखा पुस्तकों की संपरीक्षा विशेष वृत्तिक (सी.ए. आदि) से कराने संबंधी उपबंध करता है, परिणाम स्वरूप करदाताओं विशेषकर लघु एवं मध्यम उद्यमों को अतिरिक्त अनुपालन भार का सामना करना पड़ता है।
इसके अतिरिक्त अधिनियम के विभिन्न उपबंधों में कतिपय विसंगतियां पाई गई थी। साथ ही आगत कर प्रत्यय (इनपुट टैक्स क्रेडिट) लिए जाने के प्रविधान को अधिक कठोर करने की आवश्यकता है, ताकि गलत आगत कर प्रत्यय (इनपुट टैक्स क्रेडिट) की उपलब्धता रोकी जा सके।
इन सभी कारणों के अनुसार यथावर्णित अनुपालन भार को कम करने के लिए अधिनियम के प्रविधानों में विद्यमान विसंगतियों को दूर करने और आगत कर प्रत्यय (इनपुट टैक्स क्रेडिट) से संबंधित प्रविधानों को सुदृढ़ करने के लिए छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में कतिपय संशोधन का निर्णय लिया गया था।
जीएसटी (GST) काउंसिल द्वारा लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में केंद्रीय माल आौर सेवा कर (संशोधन) अधिनियम 2021 दिनांक 28 मार्च 2021 से प्रवृत्त है। अत: छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में भी तद्नुसार संशोधन किया जाना आवश्यक था। इसलिए छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम (संशोधन) विधेयक को 15 दिसंबर 2021 को पारित किया गया।