छत्तीसगढ़ पहुंचे टूरिज्म विशेषज्ञों ने की भैंस गाड़ी की सवारी

गौरेला पेंड्रा मरवाही। गौरेला पेंड्रा मरवाही एक आदिवासी बाहुल्य जिला है. आदिवासियों की सभ्यता और संस्कृति हमेशा से ही विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती रही है. यूके से आए रिस्पांसिबल टूरिज्म एक्सपर्ट्स ने भी जिले के ग्रामीण इलाकों का जायजा लिया.

उन्होंने भैंस गाड़ी पर सवार होकर जीपीएम जिले के टूरिस्ट स्पॉट की सैर की. रिस्पांसिबल टूरिज्म और ग्रामीण पर्यटन विशेषज्ञ मिस्टर ग्राहम और विलेज वेज संस्था के निदेशक लूसी एन्जले ने लमना, पूटा, कोटमीखुर्द, टीकरखुर्द, बस्तीबगरा और आमगांव का दौरा किया. खास बात यह है कि विदेशी मेहमानों ने ग्रामीणों से न सिर्फ बातचीत की, बल्कि उनकी खास नृत्य शैली की बारिकियों को भी समझा. विदेशी पर्यटकों को अपने बीच ग्रामीण भी खुश नजर आए. विदेशी मेहमानों के साथ उन्होंने सेल्फी भी लिया. पर्यावरणविद संजय पयासी ने विदेशी मेहमानों को ग्रामीणों के काष्ठ शिल्प, जल संरक्षण की पारंपरिक तकनीक की जानकारी दी.

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