रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि बीते 15 फरवरी को को एमएसएमई विकास कार्यालय रायपुर द्वारा कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं लघु भारती उद्योग छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यालय में किया गया ।
उमेश प्रसाद,सहायक निदेशक , एमएसएमई-विकास कार्यालय ने उद्यम आधार रजिस्ट्रेशन की जानकारी दिए ।wwwudyamregistration-gov-in पद में फ्री रजिस्ट्रेशन है, और एमएसएमई के अन्तर्गत उद्यम रेजिस्ट्रेशन बनने के पश्चात उद्योग के लिए बहुत से लाभ इस बजट में प्रस्तावित है उद्यमियों के लिए एक सिंगल विंडो पोर्टल बनाया गया है champions-gov-in आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस तकनीक से विकसित किया गया हाई टेक कंट्रोल रूम और इनफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम है । आप यहाँ अपनी शिकायत डाल सकते है और उसके स्टेटस को ट्रैक भी कर सकते है । आपको नई जानकारी भी यहाँ मिलेगी
राजीव एस , संयुक्त निदेशक, एमएसएमई – विकास कार्यालय, रायपुर ने जेड रजिस्ट्रेशन की जानकारी दी जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट । यह रजिस्ट्रेशन यदि उद्यम करवाता है तो उनको काफ़ी रियायत और फ़ायदे मिलते है , क्योकिं यह उद्यम की गुणवत्ता सिद्ध करता है । और इसके लिए जो खर्च होगा उसका 80 प्रतिशत तक सरकार से अदायगी कर सकता है । आगे उन्होंने TReDS प्लेटफार्म की जानकारी दी , इस प्लेटफार्म में सभी बैंक , पब्लिक एंटरप्राइज़ और 500 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियाँ बाय डिफ़ॉल्ट रहेगी । यदि एमएसएमई उद्यमी इनमें से किसको भी अपना प्रोडक्ट बेचता है , तो वो तुरंत ही बिल छूट यहाँ करवा सकता है , और लेटर ऑफ़ क्रेडिट फैसिलिटी भी यहाँ मिलती है । उन्होंने यह भी बताया की यदि उद्यमी बार कोड फैसिलिटी अपनाता है तो इसका खर्च उद्यमी सरकार से क्लेम कर सकता है । अपने प्रॉडक्ट्स के साथ यदि उद्यमी विदेश या देश के ट्रेड फेयर में पार्टिसिपेट करता है तो खर्च का 80 प्रतिशत तक सरकार से क्लेम कर सकता है ।
सी.ए. इक़बाल फ़रिश्ता ने बजट में जो घोषणा हुई है एमएमएमई के लिए , उसको इस प्रकार समझाया की आपके लिए पूरी टेबल सजा दी गई है जिसमे हर प्रकार के स्टार्टर , सूप , फ्रूट्स, मेन कोर्स और डेजर्ट सभी प्रकार के । अब आप खाओ या न खाओ ये आपकी मर्ज़ी । पब्लिक एंटरप्राइज़ को अपनी ख़रीदी का 25 प्रतिशत एमएसएमई उद्यमी से ख़रीदना अनिवार्य है और उद्यमी का पैसा यदि अब 45 दिन में नहीं देगा तो ऑडिट रिपोर्ट में इसकी जानकारी देगा सी.ए. और उस ख़रीदी का उसको इनकम टैक्स में डिडक्शन भी नहीं मिलेगा और 45 दिन के बाद उद्यमी 3 गुना ज़्यादा ब्याज दर से अपना बिल क्लेम कर सकता है । अब यहाँ ये बहाना भी नहीं चलेगा की माल में त्रुटि है , क्योंकि अब 15 दिन के अंदर ही जो भी त्रुटि है उसकी जानकारी लिखित में देना अनिवार्य किया गया है । उन्होनें आगे कहा कि डिजिलॉकर की सुविधा भी इस बजट में एमएमएमई को दी गई है , अपने सारे डॉक्युमेंट्स एक बार इसमें स्कैन कर के सेव कर ले , उसके बाद जिस भी दफ़्तर में किसी भी प्रकार का डॉक्युमेंट्स माँग जाएगा वो डिजिलॉकर में उपलब्ध होने से वही से ले लेंगे ।
कार्यशाला में एमएसएमई के अधिकारी, लघु उद्योग भारती के अधिकारी, यूको बैंक के अधिकारी, कैट सी.जी. चैप्टर के पदाधिकारी एवं व्यापारी संगठन के पदाधिकारी तथा व्यापारी मुख्य रूप उपस्थित रहे :- अमर पारवानी, अमर गिदवानी, परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, मोहम्मद अली हिरानी, महेन्द्र बागरोडिया, बलराम आहुजा, जय नानवानी, सूरज उपाध्याय, नरेश पाटनी, महेश खिलोसिया, दीलिप इसरानी, जयराम कुकरेजा, राकेश अग्रवाल, सतीश श्रीवास्तव, मोहन वर्ल्यानी, विजय पटेल, विक्रांत राठौर, जयराम गुरनानी, आनन्द चटर्जी, प्रतीक गुप्ता, गौरव कुमार, इन्दर लाल धिरानी, सिद्वार्थ पारख, मनीष नागपाल, किशोर पटेल, ईश्वर पटेल, भगवान दास पटेल, योगेश पटेल, दयाराम पटेल, अशोक छाबड़ा, अमर संतवानी, रमेश जैन, धीरज ताम्रकार, कैलाश माखीजा, कमल लहेजा, दर्शन निहाल, परमानन्द जैन (सायकल एसोसियेशन) गोविन्द चिमनानी, अनिल केवलानी, तुलिका पाण्डेय, देवराज गुरनानी, रविलाल पटेल, मोहन पटेल, मितेश पटेल, रोहित पटेल, राजेन्द्र बागडी, श्याम माहेश्वरी एवं महेश राय आदि।