राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के समस्त शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में सत्र-2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षानीति – 2020 लागू कर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षानीति में विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास हेतु गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा कौशल विकास, मूल्यपरक तथा रोजगारोन्मुखी शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम को सम्मिलित किया गया है। शिक्षानीति बहुविषयक प्रणाली पर आधारित हेागा जिसमें विद्यार्थी को अपनी इच्छानुसार दूसरे संकाय के विषय चुनने की स्वतंत्रता होगी। विज्ञान संकाय के विद्यार्थी कला या वाणिज्य संकाय के किसी एक विषय को जेनरिक इलेक्टिव के रूप में अध्ययन कर सकंेगे। इसी प्रकार संकाय के विद्यार्थी विज्ञान या वाणिज्य संकाय के विषय का जेनरिक इलेक्टिव रूप में अध्ययन कर सकते हैं। इस नीति में स्नातक तीन या चार वर्षीय बहुविषयक स्नातक पाठ्यक्रम होगा जो कि क्रेडिट सिस्टम आधारित होगा जिसमें पाठ्यक्रम की अवधि में बहुप्रवेश एवं बहुनिकास का प्रावधान होगा।इसके अन्तर्गत प्रथम वर्ष पूर्ण करने के पश्चात् यदि कोई विद्यार्थी किसी कारणवश अपनी पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे सर्टिफिकेट, दो वर्ष में पढ़ाई छोड़ने पर डिप्लोमा, तीन वर्ष के पश्चात् पढ़ाई छोड़ने पर डिग्री तथा चार वर्ष पूर्ण करने पर ऑनर्स की डिग्री प्रदान की जाएगी। जिन विद्यार्थियों सीजीपीए 7.5 से अधिक होगा उन्हें ऑनर्स के साथ रिसर्च की डिग्री प्रदान की जाएगी। ऑनर्स रिसर्च की डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी सीधे पीएचडी कोर्स में प्रवेश ले सकता हैं तथ नेट/सेट की परीक्षा में बैठने की पात्रता होगी।
इस शिक्षानीति में विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम सतत् मूल्याकंन के आधार पर आधारित होगा, जिसमें 30 प्रतिशत सतत् आंतरिक मूल्याकन एवं 70 प्रतिशत अंक अंतिम सेमेस्टर परीक्षा पर आधारित होंगे। सतत् मूल्याकंन तथा अंतिम सेमेस्टर परीक्षा में अंको के जोड़ने के पश्चात् 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर विद्यार्थी को परीक्षा उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम पूर्णतः सेमेस्टर परीक्षा पर आधारित होगा। प्रत्येक सेमेस्टर की अवधि 90 दिवस या 15 सप्ताह का होगा इस प्रकार 4 वर्ष की अवधि में कुल 8 सेमेस्टर होंगे। प्रत्येक सेमेस्टर पाठ्यक्रम में कुल 6 प्रकार के कोर्स की पढ़ाई होगी, 3 कोर कोर्स, एक जेनरिक इलेक्टिव कोर्स, एक मूल्य वर्धित तथा एक भाषा या पर्यावरण पर आधारित कोर्स होगा। प्रत्येक सेमेस्टर में 20 क्रेडिट के कोर्स होंगे जिसमें 3 कोर कोर्स तथा एक जेनरिक इलेक्टिव में से प्रत्येक 4 क्रेडिट का होगा तथा मूल्यवर्धित कोर्स , कौशल विकास पाठ्यक्रम तथा भाषा आधारित पाठ्यक्रम प्रत्येक 2 क्रेडिट का होगा।
प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर के पश्चात तृतीय सेमेस्टर में प्रमोशन हेतु कुल 40 क्रेडिट में से कम से कम 50 प्रतिशत क्रेडिट स्कोर प्राप्त करना आवश्यक है। 50 प्रतिशत क्रेडिट स्कोर अर्जित नहीं कर पाने की स्थिति में विद्यार्थी को तृतीय सेमेस्टर में डिटेन कर दिया जाएगा अर्थात वह विद्यार्थी तृतीय सेमेस्टर मे प्रवेश नहीं पा सकता। विद्यार्थी को 4 वर्षीय कोर्स को कुल 7 वर्ष की अवधि में पूर्ण करना होगा।