कंचन बाग में अवैध प्लाटिंग में करोड़ों का लेन देन – हेमंत ओस्तवाल

 

कहा निगम में पुराने मामलों की तरह फिर दबेगा मामला

राजनांदगांव (दैनिक पहुना)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया,कलेक्टर डोमन सिंह सहित अनेक उच्चाधिकारियों का ध्यान खींचते हुए हेमंत ओस्तवाल ने मांग की कि नगर निगम क्षेत्र के कंचन बाग में करोड़ों की अवैध प्लाटिंग रोकी जाकर दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाये। शहर कांग्रेस कमेटी के महामंत्री व पूर्व पार्षद श्री ओस्तवाल ने मुख्यमंत्री, मंत्री सहित उक्त उच्चाधिकारियों से पत्र व्यवहार करते हुए निगम की अवैध प्लाटिंग में निगम अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा करोड़ों के लेन देन की बात कहते हुए इस बारे में सविस्तार अपनी बातें कही है।

बताया गया है कि रेरा कानून तथा निगम की विभिन्न धाराओं-उपधाराओं के तहत समय-समय पर निगम अधिकारियों द्वारा उक्त क्षेत्र के कॉलोनाइजरों को भूस्वामियों को सूचना पत्र जारी किया जाता है और मामला लेन देन होते ही दब जाता है। श्री ओस्तवाल ने कहा कि निगम सीमा की कई कालोनियां का आम रास्ता निजी भवन स्वामियों का है, जिसको लेकर मामला आज भी उच्च न्यायालय में लंबित है। अवैध प्लाटिंग करने वाले भू स्वामी या अन्य दलालों द्वारा अवैध प्लाटिंग करके पूर्व में बेचा भी गया है। बताया है कि इसी निगम क्षेत्र के 450 खसरे के भू स्वामियों को करीब 5 करोड़ की राशि वसूली की नोटिस जारी की गइ थी, लेकिन मामला लेन देन करके रफा दफा कर दिया गया। श्री ओस्तवाल ने महापौर, आयुक्त से भी कहा कि उन भूस्वामियों से नगद/चेक जैसे भी राशि वसूल की गई है उसको सार्वजनिक करे। हेमंत ओस्तवाल ने आगे कहा कि पूर्व में तत्कालीन कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने लगभग 430 खसरा नंबरो पर अवैध प्लाटिंग के मामले में खरीदी, बिक्री, पंजीयन, नामांतरण आदि का आदेश अपनी टी एल बैठक में जारी किया था और उस आदेश के तहत भी अवैध प्लाटिंग करने वाले भूस्वामियों के विरूद्ध नोटिस जारी की गई थी। उसमें भी अधिकांश मामले टेबल के नीचे लेन देन करके दफन हो गया।

श्री ओस्तवाल ने यह भी बताया है कि भूमि के नियमितीकरण के मामले में पूर्व मंत्री के द्वारा ध्यानाकर्षण के माघ्यम से लगाया गया था। कहा कि आये दिन अवैध प्लाटिंग के मामले उजागर हो भी रहे है। उन्होेंने यह सवाल पुख्ता तौर पर उठाया है कि महापौर परिषद् एवं निगम की सामान्य सभा द्वारा जनहित व शासन हित में भ्रष्ट अधिकारियों – कर्मचारियों के विरूद्ध ठोस कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्टेशन पारा वार्ड नं.-13 के शिक्षक नगर कॉलोनी में पटवारी हल्का नंबर 39 के 7 अलग-अलग खसरा नंबरों को अवैध घोषित किया गया था। जिसमें निगम की पूर्व की महापौर परिषद् ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ का निर्णय लिया था। 

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