रायपुर। प्रदेश की लोक कलाकार पूनम तिवारी और पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद को अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. इसकी घोषणा बुधवार को संगीत नाटक अकादमी ने की है. दोनों छत्तीसगढ़ी महिला कलाकारों को इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बधाई दी है.
सीएम विष्णुदेव साय ने एक्स पर लिखा है, प्रदेश की लोक कलाकार पूनम तिवारी और पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद की उपलब्धि से छत्तीसगढ़ हुआ गौरवान्वित हुआ. संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उन्हें संगीत नाटक अकादमी और उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस उपलब्धि पर पूनम तिवारी और समप्रिया पूजा निषाद को बधाई दी.
प्रदेश की लोक कलाकार श्रीमती पूनम तिवारी और पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद की उपलब्धि से छत्तीसगढ़ हुआ गौरवान्वित
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उन्हें संगीत नाटक अकादमी और उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस… pic.twitter.com/YgEeeCeVpF— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) February 29, 2024
बता दें कि संगीत नाटक अकादमी ने छह अकादमी फेलो और अभिनेता अशोक सर्राफ, राजीव वर्मा और गायिका बॉम्बे जयश्री सहित 92 कलाकारों को वर्ष 2022 और 2023 के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की. भारत की राष्ट्रीय संगीत, नृत्य और नाटक अकादमी मंचीय कला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित कलाकारों को अकादमी फेलो के रूप में चयनित किया गया है. जिन लोगों को अकादमी फेलो के लिए चुना गया है उनमें लोक गीतकार और लेखक विनायक खेडेकर, वीणा वादक आर विश्वेश्वरन, कथक नृत्यांगना सुनयना हजारीलाल, कुचिपुड़ी नर्तक युगल राजा और राधा रेड्डी, नाट्य निर्देशक दुलाल रॉय और नाट्य लेखक डीपी सिन्हा का नाम शामिल है. वहीं छत्तीसगढ़ की लोक कलाकार पूनम तिवारी और पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद को भी अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
जानिए कौन हैं लोक कलाकार पूनम तिवारी
राजनांदगांव शहर के ममता नगर में रहने वाली पूनम तिवारी लोक कला के क्षेत्र में वर्षों से काम कर रही हैं. पूनम ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित हबीब तनवीर के साथ भी कई कार्यक्रम कर चुकी हैं. पूनम के पति दीपक विराट तिवारी जो अब इस दुनिया में नहीं हैं उनके साथ भी वो काम कर चुकी हैं. दीपक विराट भी जाने माने रंगकर्मी रहे. चरणदास चोर में सहित कई नाटकों में वो अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं. परिवार वालों के मुताबिक पूनम को बचपन से ही कला और थियेटर में रुचि थी. थियेटर में उन्होने लंबे वक्त तक काम भी किया.
पूनम तिवारी अपनी कला के माध्यम से लगातार छत्तीसगढ़ी परंपरा को सहेजते हुए आगे बढ़ रही हैं. पूनम की महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां में उनका गया गीत चोला माटी के हे राम और कई गीतों ने उनको बुलंदियों पर पहुंचा दिया.