केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने SVPNPA के 74 RR IPS बैच के दीक्षांत समारोह को किया संबोधित

तेलंगाना। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद के 74 RR IPS बैच के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। अमित शाह ने शहीद स्मारक पर जाकर देश की आंतरिक सुरक्षा की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 36000 शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी। IPS प्रोबेशनर्स के 74 RR बैच की पासिंग आउट परेड के अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन, अकादमी के निदेशक  ए एस राजन सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि आईपीएस की महान परंपरा से जुड़ने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों का 74 RR बैच अमृत काल का बैच कहलाएगा, प्रशिक्षण के उपरान्त यह बैच देश के सामने उभरने वाली हर चुनौती का सामना करने के लिए सक्षम, समर्पित और सुसज्ज है। हमारी आजादी के 75 साल की समाप्ति में यह बैच देश की आंतरिक सेवा की सुरक्षा के लिए जा रहा है, यह गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि देश ने इन 7 दशकों में सुरक्षा के क्षेत्र में कई उतार-चढ़ाव देखे व कई चुनौतियों का सामना किया। इन चुनौतियों का सामना करते-करते लगभग 36000 से अधिक पुलिस कर्मियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। शाह ने कहा कि आज़ादी के बाद के 75 वर्षों को मुड़कर देखें तो आज भारत की परिस्थिति Local से Global और Violent से Vibrant बन चुकी है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस महान देश की आजादी के बाद हमारे देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल जी ने अखिल भारतीय सेवाओं की शुरुआत करते समय कहा था कि भारत को एक संघीय संविधान के तहत अक्षुण्ण बनाए रखने की जिम्मेदारी अखिल भारतीय सेवाओं की है, इस वाक्य को प्रशिक्षु अधिकारियों को अपना ध्येयवाक्य बनाना चाहिए। शाह ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने इस कॉलेज की स्थापना के वक्त यह कहा था कि यह कॉलेज भारत में अपनी तरह का पहला संस्थान है। पीछे मुड़कर देखने पर इसकी कोई मिसाल नहीं मिलती है लेकिन भविष्य की पीढ़ियों के लिए यह एक प्रेरक उदाहरण बनेगा।

अमित शाह ने कहा कि देश के प्रथम गृह मंत्री ने एकेडमी के सामने जो लक्ष्य रखे थे वो इन 75 सालों में भली-भांति पूर्ण किए गए हैं। आज इस एकेडमी से कुल 195 प्रशिक्षु अधिकारी बेसिक कोर्स का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं जिनमें 41 महिला अधिकारी और 29 प्रशिक्षु अधिकारी हमारे पड़ोसी देशों भूटान, नेपाल, मालदीप और मॉरिशस से शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस बैच में बेसिक क्वालिफिकेशन में सबसे ज्यादा प्रशिक्षु टेक्निकल बैकग्राउंड के हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए ‘पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन’ की स्थापना की है, ये सिपाही से लेकर DGP तक पूरी पुलिस प्रणाली को न केवल तकनीकी चुनौतियों के अनुरूप बनाएगा बल्कि tech-savvy भी बनाएगा। यह पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन हमारे देश के सभी पुलिस संस्थानों को टेक्नोलॉजी की दृष्टि से वैश्विक टेक्निकल चुनौतियों के अनुरूप बनाएगा।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता के सामने एक लक्ष्य रखा है कि जब 2047 में देश आजादी की शताब्दी मनाएगा तो देश हर क्षेत्र में विश्व में सर्वप्रथम हो। इस लक्ष्य की परिपूर्ति हर एक भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी और कर्तव्य दोनों हैं और आज जब यहां उपस्थित प्रशिक्षु अधिकारी आईपीएस बन कर जा रहे हैं तो इनकी यह विशेष जिम्मेदारी है क्योंकि अच्छी कानून व्यवस्था और अभेद्य आंतरिक सुरक्षा के बिना कोई भी राष्ट्र महान नहीं बन सकता। श्री शाह ने कहा कि कमजोर से कमजोर नागरिक के अधिकारों की रक्षा, उसके प्रति तंत्र की संवेदनशीलता और सभी चुनौतियों का सामना करने वाला पुलिस तंत्र ही एक विकसित राष्ट्र की नींव डाल सकता है। उन्होंने कहा कि 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने और 2047 तक भारत को पूरी तरह से विकसित राष्ट्र बनाने का हमारा लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप करना संभव भी है क्योंकि 2014 में हम दुनिया के अर्थतंत्र की तालिका में 11वें नंबर पर थे और महज 8 साल के अंतराल में आज हम पाँचवे पायदान पर पहुंच गये हैं। मॉर्गन स्टेनली के अनुमान के अनुसार 2027 तक भारत संसार की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

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