रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज दुर्ग में सभा कर छत्तीसगढ़ में भाजपा के चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं. अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से दुर्ग कांग्रेस का गढ़ रहा है. आज भी प्रदेश की राजनीति में दुर्ग संभाग की तूती बोलती है.
संपूर्ण छत्तीसगढ़ में दुर्ग के राजनीतिक प्रभाव का दायरा सबसे बड़ा है. पाटन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आते हैं, तो दुर्ग ग्रामीण से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, साजा से कृषि मंत्री रविंद्र चौबे तो राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, कवर्धा से वन मंत्री मोहम्मद अकबर वहीं अहिवारा से पीएचई मंत्री गुरु रूद्रकुमार आते हैं.
दुर्ग अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से कांग्रेस का गढ़ रहा है. मध्यप्रदेश के दो बार के मुख्यमंत्री और लंबे समय तक कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहने वाले स्व. मोतीलाल वोरा दुर्ग से थे. दुर्ग संभाग कुल 20 विधानसभा सीटें हैं. 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक तरफा जीत दर्ज की थी. 20 में से 17 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, तो भाजपा को महज 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. जोगी कांग्रेस के खाते में महज एक सीट आई थी. वर्तमान में कांग्रेस 18 सीट पर, तो 2 सीट पर भाजपा काबिज है.
दो नए जिलों के गठन के बाद दुर्ग संभाग में अब 7 जिले हो गए हैं. दुर्ग जिले के 6 में से 5 विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है, एक सीट वैशालीनगर पर भाजपा के पास है. बालोद जिले के तीनों सीट पर कांग्रेस काबिज है. बेमेतरा जिले के तीनों सीट पर कांग्रेस काबिज है. कवर्धा जिले के दोनों सीट पर कांग्रेस काबिज है. अविभाजित राजनांदगांव जिले के 6 में से 5 सीटे कांग्रेस के पास है, राजनांदगांव की 1 सीट पर भाजपा काबिज है. वहीं संभाग के दो लोकसभा दुर्ग और राजनांदगांव दोनों में भाजपा काबिज है.