रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही दूसरे दिन भी बाधित हुई। शून्यकाल के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा शुरू किया। उनका कहना था विधानसभा से विधेयक पारित हुए एक महीने हो चुके हैं, फिर भी दस्तखत नहीं होने के कारण अब तक आरक्षण की व्यवस्था लागू नहीं हो सकी है। भाजपा ने इस पूरे मामले में राज्य सरकार पर आरोप लगाया है। भाजपा विधायकों ने कहा कि राज्य सरकार ने बिना तैयारी के आरक्षण लागू किया। राज्यपाल के मांगने पर क्वांटिफाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट नहीं दे रहे। यहां तक कि सदन में भी रिपोर्ट नहीं रखी जा रही है। राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं।
इस मुद्दे पर पहले दस मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। इसके बाद जब कार्यवाही फिर शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाने की अपील की, लेकिन जब दोनों पक्ष शांत नहीं हुए तो उन्होंने कार्यवाही बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी।