नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार रात को हुई अहम बैठक में आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, कोरोना, क्वॉड समेत तमाम मुद्दों पर लंबी चर्चा हुई. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी में भारत के शामिल होने के प्रति अपने देश का समर्थन दोहराया. पीएम मोदी की जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद उनके साथ यह पहली बैठक थी. क्वॉड बैठक में अफगानिस्तान में तालिबान के समर्थन को लेकर पाकिस्तान की कड़ी निगरानी की बात भी कही गई है.
भारत और अमेरिका ने सीमापार आतंकवाद की भी एक सुर में निंदा की है. साथ ही मुंबई हमलों के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया. दोनों नेताओं की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है कि वे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित समूहों सहित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.व्हाइट हाउस में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक हुई थी. साझा बयान के मुताबिक, अमेरिका और भारत वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त जंग में एक साथ खड़े हैं.
दोनों नेताओं ने कहा कि अमेरिका और भारत यूएन सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 प्रतिबंध समिति में प्रतिबंधित समूहों समेत सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. दोनों नेताओं ने किसी भी रूप में आतंकवादियों के छद्म इस्तेमाल की निंदा की और आतंकवादी समूहों को किसी भी तरह की सैन्य, वित्तीय सहायता को रोकने की अहमियत पर बल दिया.
गौरतलब है कि पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद जमात उद दावा और लश्कर ए तैयबा का सरगना है, जो 2008 के मुंबई हमले का जिम्मेदार माना जाता है. इस हमले में छह अमेरिकी सहित 166 लोग मारे गए थे.
हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकवादी है. उस पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है. उसे पिछले साल 17 जुलाई को आतंकवाद की फंडिंग के मामलों में गिरफ्तार किया गया था. हाफिज सईद लाहौर की कड़ी सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में बंद है. लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के साथ हक्कानी नेटवर्क भी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में है.