Waqf Amendment Bill: बजट सत्र का दूसरा चरण खत्म होने में महज चार दिन शेष है. इस बीच केंद्र सरकार वक्फ संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में है. जानकारी के मुताबिक वक्फ बिल 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जा सकता है. लिहाजा अगर वक्फ बिल 2 अप्रैल को सदन में लाया जाता है, तो उसे दोनों सदनों में पारित कराने के लिए इस सत्र में केवल दो दिनों का ही वक्त मिलेगा.
गौरतलब है कि वक्फ बिल संसद के पिछले सत्र में लोकसभा में पेश किया गया था. विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बीच पेश हुए इस बिल को जेपीसी को भेज दिया गया था. वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई में संयुक्त समिति गठित की गई थी.
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली जेपीसी ने बजट सत्र के दौरान ही अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी थी. जेपीसी की रिपोर्ट में बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों की ओर से दिए गए सुझाव शामिल किए गए हैं. रिपोर्ट को लेकर विपक्ष के कई सदस्यों ने डिसेंट नोट दिए हैं.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के दो घटक दलों जेडीयू और टीडीपी के रुख की भी चर्चा हो रही है लेकिन माना जा रहा है कि इस बिल को लेकर दोनों दलों की चिंताओं का निवारण हो गया है. संयुक्त समिति में भी दोनों दलों के सदस्य थे ही, रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट की जिस बैठक में संशोधित रिपोर्ट के आधार पर तैयार नए बिल को मंजूरी दी गई थी, उसमें भी एनडीए के दोनों घटक दलों के कोटे के मंत्री मौजूद थे.
राज्यसभा में छोटे दलों के सहारे NDA
बता दें कि, राज्यसभा में एनडीए वक्फ बिल पारित कराने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े से थोड़ा पीछे है. बिल को पारित कराने सरकार को कुछ छोटे दलों के समर्थन की उम्मीद है. हालांकि राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के बावजूद सरकार ने पहले भी कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराए हैं और इस बार भी नजर फ्लोर मैनेजमेंट पर होगी.