प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बढ़ती ताकत को रेखांकित करते हुए शनिवार को कहा कि देशवासियों को ऐसी हर बात से दूर रहना होगा कि एकता के खिलाफ है. वह राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मालासेरी में लोक देवता भगवान श्री देवनारायण के अवतार महोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे.
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर अपनी बात डंके की चोट पर कहता है. आज भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है. इसलिए ऐसी हर बात, जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है, उससे हमें दूर रहना है. हमें अपने संकल्पों को सिद्ध कर दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरना है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘21वीं सदी का यह कालखंड भारत के विकास के लिए, राजस्थान के विकास के लिए बहुत अहम है. हमें एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना है. आज पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उम्मीदों से देख रही है.’
‘गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर मैंने लाल किले की प्राचीर से पंच प्रण पर चलने का आग्रह किया था. उद्देश्य यही है कि हम सभी अपनी विरासत पर गर्व करें, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को याद रखें. अपने मनीषियों के दिखाए रास्ते पर चलना और हमारे बलिदानी शूरवीरों के शौर्य को याद रखना भी इसी संकल्प का हिस्सा है.‘
पीएम मोदी ने कहा, ‘यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे अनगिनत सेनानियों को हमारे इतिहास में वह स्थान नहीं मिल पाया, जिसके वे हकदार थे. लेकिन आज का नया भारत बीते दशकों में हुई उन भूलों को भी सुधार रहा है. अब भारत की संस्कृति व स्वतंत्रता की रक्षा के लिए, देश के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उसे सामने लाया जा रहा है.’
‘भारत केवल एक भू-भाग नहीं है’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत केवल एक भू-भाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति और संभावनाओं की एक अभिव्यक्ति है. आज भारत अपने भविष्य की नींव रख रहा है, इसके पीछे जो सबसे बड़ी प्रेरणा शक्ति है… वो हमारे समाज की शक्ति है, जन-जन की शक्ति है.’
मोदी ने कहा कि भारत के लोग हजारों साल पुराने अपने इतिहास, अपनी सभ्यता पर गर्व करते हैं. उन्होंने कहा, ‘भारत को भौगोलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन कोई भी देश के अस्तित्व को ताकत समाप्त नहीं कर पाई.’