एशिया कप के बीच क्रिकेट जगत में पसरा मातम, इस दिग्गज ने दुनिया को कहा अलविदा

Heath Streak passes away: एशिया कप 2023 के बीच एक दिग्गज क्रिकेटर का निधन हो गया है. ये दिग्गज जिम्बाब्वे की टीम के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक (Heath Streak) हैं. बताया गया था कि 49 साल के हीथ स्ट्रीक (Heath Streak) कैंसर से लड़ रहे थे. इस बार उनके निधन की खबर बिल्कुल ठीक है. इससे पहले उनके निधन को लेकर अफवाह उड़ाई गई थी, जिससे पूर्व दिग्गज ने गुस्सा जताया था.

हीथ स्ट्रीक ने दुनिया को कहा अलविदा

जिम्बाब्वे के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी और परिवार के प्रवक्ता जॉन रेनी ने स्पोर्टस्टार से हीथ स्ट्रीक के निधन की पुष्टी की और कहा, ‘उनका सुबह तड़के माटाबेलेलैंड स्थित उनके खेत में निधन हो गया. वह अपने परिवार और प्रियजनों से घिरा हुआ था. कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद उनकी शांतिपूर्वक मृत्यु हो गई.’ वहीं, हीथ स्ट्रीक (Heath Streak) की पत्नी ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर उनके निधन की पुष्टी कर दी है.

हीथ स्ट्रीक की पत्नी ने लिखा भावुक पोस्ट

हीथ स्ट्रीक के निधन के बाद, हीथ स्ट्रीक की पत्नी नादीन ने अपने पति की याद में एक भावुक पोस्ट लिखा. उन्होंने लिखा, ‘आज सुबह, रविवार, 3 सितंबर, 2023 के शुरुआती घंटों में, मेरे जीवन का सबसे बड़ा प्यार और मेरे खूबसूरत बच्चों के पिता, को उनके घर से स्वर्ग की ओर ले जाया गया. वह प्यार और शांति में डूबे हुए थे और पार्क से अकेले नहीं निकलते थे. हमारी आत्माएं अनंत काल के लिए एक हो गई हैं, स्ट्रीकी. जब तक मैं तुम्हें फिर से पकड़ नहीं लेता.’

हेनरी ओलंगा ने फैलाई थी छूटी अफवाह

पिछले महीने उनकी मौत की जानकारी पूर्व साथी खिलाड़ी हेनरी ओलंगा ने दी थी. हर कोई स्तब्ध था और यही वजह थी कि कई पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा क्रिकेटरों ने उनको श्रद्धांजलि दे दी. लेकिन हेनरी ओलंगा ने तब खुद इस खबर को झूठा बताया था और अपना पुराना पोस्ट भी डिलीट कर दिया था. इस घटना के 10 दिन बाद ही हीथ स्ट्रीक (Heath Streak) ने दुनिया को अलविदा कर दिया है.

आईसीसी ने लगाया था 8 साल का बैन

हीथ स्ट्रीक पर साल 2021 में आईसीसी ने एंटी करप्शन कोड के तहत उन पर आठ साल का प्रतिबंध लगा दिया था. स्ट्रीक ने जिम्बाब्वे के लिए 65 टेस्ट और 189 वनडे मैचों में खेला है. इस दौरान उन्होंने दोनों ही फॉर्मेट में मिलाकर कुल 4933 रन बनाने के साथ 455 विकेट हासिल किए. उन्होंने 2000 से 2004 के बीच टीम की कप्तानी भी की.

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