रायपुर। छत्तीसगढ़ की करीब 56 हजार आंगनबाड़ियों के बच्चों की कुपोषण दर में लगातार गिरावट आ रही है। एक वर्ष के भीतर यह 2.1 प्रतिशत घटी है। पिछली बार कुपोषण की दर 19.86 प्रतिशत थी, जो घटकर 17.76 प्रतिशत पर आ गई है। आंगनबाड़ियों के करीब दो लाख से अधिक बच्चों की स्थिति में सुधार हुआ है। राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग ने वजन त्योहार 2022 के अंतिम आंकड़े जारी किए हैं। इस रिपोर्ट को प्रदेश के सभी कलेक्टरों को भेजा गया है। जिन जगहों पर अभी भी स्थिति खराब है, वहां गंभीरता के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के सभी 33 जिलों में 23 लाख 79 हजार 29 बच्चों के वजन को मापा गया है। इनमें 19 लाख 56 हजार 616 बच्चे सामान्य स्थिति में मिले हैं जबकि चार लाख 22 हजार 413 बच्चों में अभी भी कुपोषण की स्थिति है। इनमें तीन लाख 56 हजार 616 मध्यम और 86 हजार 751 गंभीर कुपोषित बच्चे शामिल हैं। इस वर्ष अगस्त 2022 में राज्य सरकार की ओर से वजन त्योहार के तहत कराए गए पोषण की जांच के बाद परिणाम सामने आए हैं। पांच वर्ष पहले जहां कुपोषण की दर 30.13 प्रतिशत थी, वह घटकर इस वर्ष 17.76 प्रतिशत पर आ गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक के अनुसार किसी भी प्रदेश में एक वर्ष के भीतर यदि दो प्रतिशत या इससे अधिक कुपोषण की दर में गिरावट आती है तो यह संतोषजनक स्थिति मानी जा सकती है। वर्ष 2016 से 2022 तक पांच वर्षों में राज्य में कुपोषण की दर में लगभग 12.37 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है।