जब सब भाग रहे शिंदे की तरफ, ऐसे में ये शिवसेना MLA बचे हैं उद्धव ठाकरे के साथ

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में चल रहा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) आज विधायकों के साथ बैठक करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना के 37 विधायकों समेत 45 विधायक कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले बागी खेमे में शामिल हो गए हैं. वहीं सीएम उद्धव ठाकरे के पास केवल मुंबई के 5 विधायक बचे हैं. आइए बताते हैं उन विधायकों के बारे में जो मुसीबत के समय उद्धव के साथ खड़े हैं.

उद्धव के पास बचे हैं ये विधायक

1.आदित्य ठाकरे: उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री और मुंबई के वरली से विधायक आदित्य ठाकरे ने अपने पिता CM उद्धव का साथ नहीं छोड़ा है. ऐसी खबर है कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की विद्रोह से दो दिन पहले आदित्य ठाकरे और शिवसेना सांसद संजय राउत के साथ पवई के एक होटल में उनकी तीखी बहस हुई थी.

2. रवींद्र वायकर: मुंबई के जोगेश्वरी पूर्व सीट से तीन बार के शिवसेना विधायक रविन्द्र वायकर भी सीएम उद्धव के साथ खड़े दिख रहे हैं.

3. सुनील प्रभू: शिवसेना के विधायक सुनील प्रभू भी सीएम उद्धव ठाकरे के साथ हैं. वो मुंबई की दिनदोशी विधानसभा से विधायक हैं.

4. रमेश कोरगावकर: मुंबई की भांडूप वेस्ट विधानसभा क्षेत्र से विधायक रमेश कोरगावकर भी उद्धव ठाकरे के खेमे में खड़े हैं.

5. संजय पोतनीस: मुंबई की कलिना विधानसभा से शिवसेना के विधायक संजय पोतनीस ने सीएम उद्धव ठाकरे सीएम उद्धव ठाकरे का साथ देते दिखाई दे रहे हैं.

शिंदे के संपर्क में 17 सांसद

इन विधायकों के अलावा भास्कर जाधव का भी नाम सामने आ रहा है. सूत्रों के मुताबिक भास्कर जाधव भी एकनाथ शिंदे के संपर्क मे हैं. उद्धव ठाकरे की अपील के बाद भी पार्टी के 7 और विधायक बागी हो गए हैं और गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के पास पहुंच गए हैं. अब शिंदे का दावा है कि उनके पास पार्टी के 45 विधायक हैं, जबकि कुल 46 विधायक उनके साथ हैं. इसके अलावा पार्टी के 17 सांसद भी उनके साथ आ सकते हैं.

46 विधायकों के समर्थन का दावा

गौरतलब है कि बुधवार को गुवाहाटी पहुंचने के बाद शिंदे ने कुछ निर्दलीय विधायकों समेत 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया था. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को एक पत्र लिखा था, जिस पर शिवसेना के 35 विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे. इसमें सुनील प्रभु की जगह भरत गोगावले को शिवसेना विधायक दल का मुख्य सचेतक बनाया गया था.

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