माता सीता का प्राकट्य दिवस वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है. इस दिन को बेहद शुभ माना गया है, साथ ही शुभ काम करने के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है. भगवान राम को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है, वहीं माता सीता को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है. सीता नवमी के दिन माता सीता और भगवान राम की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस साल 10 मई को सीता नवमी मनाई जाएगी.
सीता नवमी पर विशेष पूजा दिलायगी अपार सफलता
भगवान राम के जन्मोत्सव राम नवमी के ठीक एक महीने बाद माता सीता का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है. इसी दिन सीता मां धरती पर अवतरित हुईं थीं. इसे जानकी जयंती भी कहते हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त में माता सीता की पूजा करने से सारी आर्थिक, मानसिक परेशानियां दूर होती हैं. जीवन में खूब तरक्की मिलती है और अपार धन मिलता है.
ऐसे करें सीता नवमी पर पूजा
सीता नवमी, 10 मई को पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 10:57 बजे से दोपहर के 01:39 बजे तक रहेगा. इस दिन भगवान राम और माता सीता की विधि-विधान से पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. सीता नवमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करके गुलाबी रंग के कपड़े पहनें. इसके बाद शुद्ध जगह पर सुंदर मंडप बनाएं. इसमें चौकी पर गुलाबी कपड़ा बिछाकर गुलाबी रंग से रंगे चावलों से अष्ट दल बनाएं. इस पर माता सीता और भगवान श्रीराम की फोटो या मूर्ति स्थापति करें. अर्घ्य, आचमन, पंचामृत स्नान, वस्त्र, आभूषण, गन्ध, सिन्दूर तथा धूप-दीप आदि से उनकी पूजा करें. फूल-फल चढ़ाएं. माता को लाल चुनरी और श्रृंगार अर्पित करें. जानकी स्तोत्र का पाठ करें. आखिरी में आरती करें.