चाहे हल्दी घाटी हो या गलवान…भारत न कभी झुका है और न झुकेगा-राजनाथ सिंह

ओरंगाबाद. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने महाराष्ट्र के संभाजी नगर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा क‍ि चाहे हल्दी घाटी में महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) थे, या अब गलवान घाटी (घाटी) में भारतीय सेना (Indian Army) है, भारत कभी नहीं झुका है और न कभी झुकेगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन से भारतीय छात्रों को सुरक्षित रूप से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा क‍ि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की. उन्होंने जरूरत पड़ने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी बात की. युद्ध संक्षिप्त अवधि के लिए रुका जिससे यूक्रेन में फंसे 22,000 से ज्यादा भारतीय छात्र स्वदेश लौट सके. इन छात्रों के माता-पिता प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) से निकासी का अनुरोध कर रहे थे.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने यहां वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा क‍ि मुझे गर्व है कि प्रधानमंत्री मोदी ने वह किया, जो कोई और देश नहीं कर सका. सिंह ने महाराणा प्रताप के साहस और बलिदान तथा हल्दीघाटी के युद्ध का उल्लेख किया. उन्होंने कहा क‍ि महाराणा प्रताप ने घास से बनी रोटियां खाईं, लेकिन आत्मसम्मान के साथ कभी समझौता नहीं किया.

उन्होंने कहा क‍ि यदि आप उनके समर्पण को समझते हैं, तो आप उनके समय को मुगल काल नहीं, महाराणा काल कहेंगे. महाराणा प्रताप (शासक) अकबर के सामने कभी नहीं झुके और अपने मेवाड़ को लगभग अजेय रखा. मंत्री ने कहा क‍ि चाहे वह हल्दीघाटी हो या गलवान घाटी, भारत का सिर हमेशा ऊंचा रहा है और आगे भी रहेगा. उन्होंने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान, भारत से हथियारों का निर्यात बढ़कर अब 16,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जो 2014 में 900 करोड़ रुपये था. सिंह ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर (Atmanirbhar Bharat) बनाने पर जोर देने के लिए हमें मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहिए.

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा क‍ि भारत में हिंदवी साम्राज्य की स्थापना करने वाले जननायक छत्रपति शिवाजी महाराज ने शौर्य और पराक्रम की जिस परंपरा का निर्माण किया था, उसे सांभाजी महाराज ने बखूबी निभाया. बाद में यही परंपरा भारत मराठा साम्राज्य के उदय के रूप में मजबूत हुई. उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि अब औरंगाबाद शहर का नाम सांभाजी महाराज के नाम पर सांभाजी नगर कर दिया गया है. मैं इसके लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस समेत पूरी प्रदेश सरकार को बधाई देता हूं.

उन्होंने कहा क‍ि यदि आप उस दौर में महाराणा प्रताप के समर्पण को ठीक से समझ लें, तो आप उस दौर को ‘मुगल काल’ न कहकर ‘महाराणा काल’ कहेंगे. अपनी मातृभूमि के प्रति ऐसा समर्पण, अपने धर्म के प्रति ऐसी अगाध श्रद्धा, विरले ही देखने को मिलती है. छत्रपति संभाजी भी ऐसे ही एक महान व्यक्तित्व थे. जिन्होंने अपने आचरण से एक ऐसा उदाहरण पेश किया, जो सदियों तक दोहराई जाएंगी.

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