WHO बोला- डेल्टा-ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की संभावना कम, जांच में गड़बड़ी का हो सकता है नतीजा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरुवार को कोरोना के डेल्टाक्रॉन संक्रमण को लेकर बयान दिया है। हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि साइप्रस में कोरोना की ऐसी स्ट्रेन मिली है, जिसमें डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट दोनों ही पाए गए। इसे डेल्टाक्रॉन नाम दिया गया। ब्लूमबर्ग ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा था कि साइप्रस में अब तक 25 ऐसे केस मिल चुके हैं, जो डेल्टक्रॉन से संक्रमित थे। हालांकि, इसे लेकर डब्ल्यूएचओ ने संभी शंकाओं को दूर कर दिया है।

संगठन ने कहा कि डेल्टक्रॉन जैसी कोई चीज असल में नहीं है। डब्ल्यूएचओ के कोरोना मामलों की तकनीकी प्रमुख डॉक्टर मारिया वान केरखोवे ने आशंका जताई है कि डेल्टाक्रॉन जीनोम सीक्वेंसिंग के दूषित हो जाने का मामला ज्यादा लगता है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि कोई व्यक्ति कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट से संक्रमित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके पहले उदाहरण मिले हैं कि कोई व्यक्ति इन्फ्लुएंजा और कोरोना जैसे अलग-अलग वायरस से भी संक्रमित रहा हो।

डॉक्टर केरखोव ने कहा कि अभी यह देखा जाना बाकी है कि दो वैरिएंट या वायरस से एक साथ संक्रमित होने की संभावना कितनी है और आखिर ये हो क्यों रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे लोग साथ आ रहे हैं और आम फ्लू फैलना शुरू हुआ है, हमने लोगों में इन्फ्लुएंजा और कोरोना के साथ फैलने के मामले देखे हैं।

डब्ल्यूएचओ की रिसर्चर ने कहा कि लोगों को कोरोनावायरस और इन्फ्लुएंजा दोनों से ही बचने के लिए बाहर निकलना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने अपील की कि जो भी लोग कोरोना या फ्लू की वैक्सीन नहीं ले पाए हैं, उन्हें टीका जल्द लेना चाहिए।

 

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