
हर साल अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस को मनाने की शुरुआत 15 जून 2007 में हुई थी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून 2007 में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने की घोषणा की। महासभा के सभी सदस्यों ने 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में स्वीकार किया।

2 अक्टूबर को क्यों मनाते हैं अहिंसा दिवस?
अहिंसा दिवस को दो अक्टूबर को मनाने के पीछे वजह महात्मा गांधी हैं। महात्मा गांधी या भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को ही हुआ था। गांधी जी की याद में उनके जन्मदिन के दिन अहिंसा दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया।

क्यों मनाया जाता है अहिंसा दिवस?
महात्मा गांधी ने अंग्रेजों से भारत को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। लेकिन उनकी आजादी की लड़ाई का तरीका एकदम अलग था। वह बिना किसी को चोट पहुंचाए, बिना हिंसा के अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने में यकीन रखते थे। गांधी जी को उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है। उनके अहिंसात्मक व्यवहार के कारण वैश्विक तौर पर गांधी जी को सम्मान मिला। इसी सम्मान को व्यक्त करने के लिए 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।