2 अक्टूबर को क्यों मनाते हैं अहिंसा दिवस? जानें इतिहास और महत्व

International Day Of Non Violence 2023: अंहिसा एक ऐसी भावना और प्रतिबद्धता है, जिसमें व्यक्ति या वस्तु को हानि न पहुंचाई जा सकती। भारतीय परंपरा में यह एक व्यक्तिगत नियम है, जो किसी भी व्यक्ति को रोकता है कि वह दूसरे व्यक्ति को चोट पहुंचाए। दुनियाभर में लोगों को अंहिसा के मार्ग पर चलने की सीख दी जाती है। अहिंसा के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है। लेकिन अहिंसा का नाम आते ही सबसे पहले भारत और महात्मा गांधी की छवि आपके दिमाग में आती है। महात्मा गांधी ने एक लाठी के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। पर ये लाठी अंग्रेजों को चोट पहुंचाने के लिए नहीं थी, बल्कि अहिंसा के मार्ग पर बिना डगमगाए चलने के लिए थी। चलिए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के बारे में, कब और क्यों मनाते हैं अहिंसा दिवस, महात्मा गांधी से क्या है अहिंसा दिवस का संबंध।
International Day Of Non-Violence 2022 Celebrated On 2nd October Mahatma Gandhi Jayanti 2022 Reason in Hindi
कब मनाया जाता है अहिंसा दिवस
हर साल अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस को मनाने की शुरुआत 15 जून 2007 में हुई थी।
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क्यों और कैसे हुई अहिंसा दिवस मनाने की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून 2007 में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने की घोषणा की। महासभा के सभी सदस्यों ने 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में स्वीकार किया।
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2 अक्टूबर को क्यों मनाते हैं अहिंसा दिवस?

अहिंसा दिवस को दो अक्टूबर को मनाने के पीछे वजह महात्मा गांधी हैं। महात्मा गांधी या भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को ही हुआ था। गांधी जी की याद में उनके जन्मदिन के दिन अहिंसा दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया।

क्यों मनाया जाता है अहिंसा दिवस?

महात्मा गांधी ने अंग्रेजों से भारत को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। लेकिन उनकी आजादी की लड़ाई का तरीका एकदम अलग था। वह बिना किसी को चोट पहुंचाए, बिना हिंसा के अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने में यकीन रखते थे। गांधी जी को उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है। उनके अहिंसात्मक व्यवहार के कारण वैश्विक तौर पर गांधी जी को सम्मान मिला। इसी सम्मान को  व्यक्त करने के लिए 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

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