सावन में हरा पहनना क्यों है शुभ? जानें इससे जुड़ी पौराणिक मान्यता

Sawan 2025: सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक महत्व रखने वाला समय माना जाता है. यह विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए प्रसिद्ध है. इस दौरान श्रद्धालु व्रत, उपवास, रुद्राभिषेक और जलाभिषेक आदि के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं.

11 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है, और इस पवित्र माह में हरे रंग के कपड़े और चूड़ियाँ पहनना बहुत शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं इस परंपरा के पीछे का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व.

Sawan 2025

सावन और हरे रंग का कनेक्शन (Sawan 2025)

प्रकृति से जुड़ाव और हरियाली का प्रतीक: सावन के महीने में वर्षा होती है, जिससे धरती हरी-भरी हो जाती है. हरियाली का यह मौसम जीवन, उन्नति, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक बन जाता है. ऐसे में हरा रंग प्राकृतिक ऊर्जा, नयापन और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है.

सौभाग्य और सुख-शांति का प्रतीक: विशेष रूप से विवाहित महिलाएं हरे रंग की चूड़ियाँ और कपड़े इसलिए पहनती हैं क्योंकि यह रंग सौभाग्य, सुहाग और पति की लंबी उम्र से जुड़ा हुआ माना जाता है.

शुभता और मानसिक शांति का रंग: हरा रंग मन को शांति देने वाला होता है. यह मानसिक तनाव को कम करने, मन को शांत रखने और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है. चूंकि सावन में उपवास और भक्ति भाव अधिक होता है, यह रंग ध्यान केंद्रित करने में भी सहायक होता है.

शिव-पार्वती की कथा से संबंध (Sawan 2025)

एक मान्यता यह भी है कि सावन के महीने में माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किया था. जब भगवान शिव प्रसन्न हुए और माता पार्वती से विवाह किया, तब माता ने हरे वस्त्र और हरी चूड़ियाँ धारण की थीं. तभी से यह परंपरा आज भी विवाहित और कुंवारी महिलाएं निभाती हैं.

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