मणिपुर पर क्यों नहीं हो रही बहस? दो नियमों में फंसी सरकार और विपक्ष की लड़ाई

मणिपुर में जारी हिंसा और महिलाओं के साथ हुई दुर्व्यवहार की घटना के मसले पर संसद में हंगामा जारी है. मॉनसून सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष दोनों सदनों में प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़ा है और सदन नहीं चल पा रहा है. इस बीच मंगलवार को राज्यसभा में सदन के नेता और विपक्ष के नेता में बहस हुई. पीयूष गोयल और मल्लिकार्जुन खरगे सदन में बहस को लेकर आमने-सामने आए.

मणिपुर के मसले पर सरकार चर्चा की बात स्वीकार रही है, लेकिन पेच बहस के नियम को लेकर फंसा है. दरअसल, विपक्ष चाहता है कि राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा हो. इस नियम में बहस का कोई तय नियम नहीं होता है और चर्चा घंटों तक खिंच सकती है, साथ ही चर्चा के अंत में मतदान का भी ऑप्शन होता है. हालांकि, सरकार इस मसले पर नियम 176 के तहत चर्चा कराना चाहती है जिसमें एक नियम समय के लिए चर्चा होती है और मतदान का प्रावधान नहीं होता है.

सरकार और विपक्ष में आर-पार

मंगलवार को भी राज्यसभा में इसी मसले पर तीखी बहस हुई. कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन में कहा कि जब नियम 267 के तहत लगातार सांसद नोटिस दे रहे हैं, तब सदन में चर्चा क्यों नहीं हो रही है. मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वहां मणिपुर जल रहा है, जबकि यहां प्रधानमंत्री ईस्ट इंडिया कंपनी की बात कर रहे हैं. मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा विपक्ष के अन्य नेताओं ने सदन में हंगामा किया और प्रधानमंत्री के बयान की अपील की.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस दौरान विपक्ष पर हमला बोला, उन्होंने कहा कि किसी भी महिला के साथ दुर्व्यवहार होना गलत है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ में हो रही घटनाएं भी उतनी ही गलत हैं. सरकार की ओर से गृह मंत्री सभी विषयों पर बात करने को तैयार हैं, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं चाहता है. हम चाहते हैं मणिपुर पर चर्चा हो, लेकिन छत्तीसगढ़ और राजस्थान पर भी बात हो.

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी विपक्ष पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह जवाब देने को तैयार हैं. वह आंतरिक सुरक्षा के इन्चार्ज हैं, ऐसे में वह जवाब दे रहे हैं. विपक्ष आखिर सच क्यों नहीं सुनना चाह रहा है, मैं विपक्ष से अपील करती हूं कि सभी मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हो.

मणिपुर मसले पर संसद में बवाल:-

# मणिपुर में दो महीने से जारी हिंसा के बीच एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ था. इस वीडियो के बाद काफी विवाद हुआ, चार लोगों की गिरफ्तारी भी हुई.

# सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की निंदा की, राज्य सरकार से कड़ा एक्शन लेने की बात कही. पीएम ने मणिपुर के साथ ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ की घटनाओं का नाम लिया.

# सत्र की शुरुआत होने के बाद से ही विपक्ष दोनों सदनों में इस मसले पर चर्चा पर अड़ा है, हालांकि विपक्ष की मांग प्रधानमंत्री के बयान की है. जबकि सरकार चर्चा को तैयार है, लेकिन बयान गृह मंत्री ही देंगे.

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