दिवाली पर क्यों खाई जाती है जिमीकंद की सब्जी? जानिए इसके अद्भुत फायदे!

Suran Eating Tradition: दिवाली जैसे पावन पर्व पर जिमीकंद (सूरन) की सब्जी बनाना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि आयुर्वेद और संस्कृति दोनों का मेल है. यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ माना जाता है, बल्कि इसके पीछे स्वास्थ्य से जुड़ी कई वैज्ञानिक वजहें भी हैं. आइए जानते हैं जिमीकंद खाने से सेहत को मिलने वाले कुछ बड़े फायदे.

Diwali 2025 Suran Eating Tradition

पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है: जिमीकंद में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. यह कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत देता है.

हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी: इसमें पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और दिल की बीमारियों से बचाव करते हैं.

डायबिटीज में फायदेमंद: जिमीकंद में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे यह शुगर लेवल को तेजी से नहीं बढ़ाता. यह टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी माना जाता है.

वजन घटाने में मददगार: इसमें कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है. यह वजन घटाने वालों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है.

इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है: जिमीकंद में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं.

मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा: इसमें विटामिन B6 होता है, जो मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाता है और मूड को स्थिर रखने में मदद करता है.

बवासीर और अन्य पेट की बीमारियों में उपयोगी: आयुर्वेद के अनुसार, जिमीकंद खासकर अर्श (बवासीर) में बहुत लाभदायक होता है. यह खून की गड़बड़ियों को ठीक करने में भी सहायक है.

सावधानी (Diwali 2025 Suran Eating Tradition)

जिमीकंद को अच्छी तरह पकाना जरूरी होता है, क्योंकि कच्चा या अधपका सूरन गले में खुजली या जलन कर सकता है. पकाने से पहले उसे नींबू का रस या सिरका लगाकर कुछ समय के लिए रखने की परंपरा भी इसी वजह से है.

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