इंदौर। आपने अभी तक सुना होगा की फैमिली कोर्ट अधिकतर पति को भरण पोषण देने के आदेश जारी करती है। लेकिन इंदौर की फैमिली कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जिसमें पत्नी पति को अब भरण पोषण का खर्च देगी । आमतौर पर पत्नी की तरफ से भरण पोषण के लिए केस लगाया जाता है और फैमिली कोर्ट पति को भरण पोषण देने के आदेश जारी करती है। लेकिन यह विपरीत मामला इंदौर की फैमिली कोर्ट का सामने आया है, जहां कोर्ट ने पत्नी को भरण पोषण देने के लिए आदेश जारी किए हैं।
दरअसल अमन के अधिवक्ता मनीष झारौला ने बताया कि कॉमन फ्रेंड के थ्रू हुई दोस्ती में महिला को अमन से प्यार हो गया था। इसके बाद नंदिनी ने अमन से अपने प्यार का इजहार कर दिया। लेकिन अमन नंदनी को पसंद नहीं करता था और ना ही उससे शादी करना चाहता था। इसी दौरान नंदिनी ने अपने परिजनों के साथ मिलकर षडयंत्र पूर्वक अमन से उसकी मर्जी के बिना जबरदस्ती आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। इसके बाद लगातार नंदिनी और उसके परिवार ने अमन को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी। अमन को नंदिनी ने अपने ही घर में बंधकों की तरह रख रही थी। जिसके बाद मौका पाकर अमन वहां से भाग निकला।
इसके बाद नंदिनी ने वैवाहिक संबंध की पुनर्स्थापना के लिए परिवार न्यायालय के समक्ष एक वाद प्रस्तुत किया । जिसमें विपक्षी अमन के द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने बचाव में पक्ष रखा । वहीं विपक्ष अमन के अधिवक्ता ने अमन के प्रकरण में न्यायालय के समक्ष भरण पोषण के लिए परिवार न्यायालय के समक्ष एक अंतिम आवेदन प्रस्तुत किया। जिसमें अमन के अधिवक्ता द्वारा स्वयं के भरण पोषण करने में असमर्थ होने पर नंदिनी द्वारा पार्लर संचालित किए जाने के तथ्य न्यायालय के सामने पेश किए। अमन के अधिवक्ता के तर्क से सहमत होकर न्यायालय ने पति को भरण पोषण दिलाए जाने के आदेश जारी किए हैं।