Cryptocurrency Ban in India: अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाते हैं तो आपको आगे चलकर बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया गवर्नर (RBI Governor) ने इस पर फिर से बैन लगाने की मांग दोहराई है.
RBI के गवर्नर Shaktikanta Das ने कहा, “क्रिप्टो पर हमने स्थिति कई बार स्पष्ट की है और हम उस पर कायम हैं. IMF-FSB के सिंथिसिस पेपर में भी क्रिप्टो में रिस्क की जानकारी दी गई है. रेगुलेशन शून्य से 10 के स्केल पर होता है. शून्य रेगुलेशन का मतलब होगा कि कोई रेगुलेशन नहीं है और यह सभी के लिए खुला है और 10 का मतलब है कि आप इसकी अनुमति नहीं देते. FSB को रेगुलेशन को लेकर सतर्कता से कार्य करना होगा. ” इस पेपर में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ी एक्टिविटीज पर पूरी तरह बैन लगाने के खिलाफ दलील दी गई है. इसमें कहा गया है कि इस तरह का कदम महंगा पड़ सकता है और इसे लागू करना तकनीकी तौर पर मुश्किल होगा.
इससे पहले रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने बिजनेस टुडे के एक प्रोग्राम में क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध की जरुरत पर फिर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इसका समर्थन करने वाले इसे एक संपत्ति या वित्तीय उत्पाद कहते हैं, लेकिन इसमें कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है और यहां तक कि एक ‘ट्यूलिप’ भी नहीं है.
गौरतलब है कि पिछली शताब्दी की शुरुआत में ट्यूलिप के फूल की मांग बहुत बढ़ गई थी और इसकी कीमत आसमान पर पहुंच गई. लोग किसी भी कीमत पर ट्यूलिप पाना चाहते थे. गवर्नर ने कहा, ”प्रत्येक संपत्ति, प्रत्येक वित्तीय उत्पाद में कुछ अंतर्निहित मूल्य होना चाहिए, लेकिन क्रिप्टो के मामले में कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि प्रत्येक संपत्ति, प्रत्येक वित्तीय उत्पाद में कुछ अंतर्निहित मूल्य होना चाहिए, लेकिन क्रिप्टो के मामले में कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है. एक ट्यूलिप भी नहीं है और क्रिप्टो के बाजार मूल्य में वृद्धि सिर्फ एक छलावा है. उन्होंने कहा कि इसे बहुत स्पष्ट रूप से कहें तो यह जुआ है.
शक्तिकांत दास ने जोर देकर कहा कि हम अपने देश में जुए की अनुमति नहीं देते हैं और अगर आप जुए की अनुमति देना चाहते हैं तो इसे जुआ ही मानें और जुए के नियम निर्धारित करें, लेकिन क्रिप्टो एक वित्तीय उत्पाद नहीं है.