लखनऊ. मायावती के सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने की चर्चा अब जोर पकड़ने लगी है. सियासी गलियारों में ये अटकलें लगातार लगाई जा रही हैं. वैसे भी जब से मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है, तब से इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं. जो कि स्वाभाविक भी है. अब मायावती ने अपने सन्यास लेने को लेकर खुद ही इसका खुलासा कर दिया है. उन्होंने X पर इस संबंध में पोस्ट शेयर किया है.
मायावती ने संन्यास लेने की खबरों का खंडन किया है. उनका कहना है कि राजनीति से मैं संन्यास नहीं लेने वाली. पहले मुझे राष्ट्रपति बनाने की अफवाह उड़ाई गई. जब कांशीराम ने ऑफर ठुकरा दिया था तो मैं कैसे स्वीकार लूंगी. राष्ट्रपति बनने का मतलब सक्रिय राजनीति से संन्यास.
सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
उन्होंंने X पर लिखा है कि- ‘1. बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल.’
उन्होंने आगे लिखा- ‘अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. जबसे पार्टी ने श्री आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें.’
तीसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा कि ‘हालांकि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?’
कल होनी है बैठक
बता दें कि मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को लखनऊ बसपा कार्यालय में बुलाई गई है. इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा और यूपी की 10 विधानसभा सीटों में होने वाले उपचुनाव को लेकर चर्चा होगी. बता दें कि हर पांच साल पर सितंबर में बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष का चुनाव होता है.