नई दिल्ली. भारत में एक साल से भी अधिक समय से पेट्रोल और डीजल की कीमत (Petrol-Diesel Price) में कोई बदलाव नहीं हुआ है. वहीं, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में अस्थिरता के बावजूद भारत ने पेट्रोलियम उत्पादों की ‘किफायती कीमत’ को बरकरार रखा और पड़ोसी देशों और कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के मुकाबले पिछले दो वर्ष में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की गई.
एक साल से अधिक समय से रूस से भारत को सस्ती कीमत पर कच्चा तेल मिल रहा है तो क्या भारत में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतें घटेंगी. इस सवाल के जवाब में पुरी ने कहा कि शुरुआत में अच्छी छूट थी पर उन्होंने कीमतें बढ़ानी शुरू कर दी और अब छूट उतनी नहीं रह गई है.
BJP शासित राज्यों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर वैट में की कमी
केंद्रीय मंत्री ने कुछ मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में तेल की कीमतों को लेकर सरकार की आलोचना करने पर विपक्ष को आड़े हाथ लिया और कहा कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में भाजपा शासित राज्यों के मुकाबले पेट्रोल और डीजल की कीमत अधिक है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर वैट में कमी की गई है ताकि कीमत को नीचे लाया जा सके.
कई देशों में पिछले एक साल में पेट्रोल की कीमतों में हुआ भारी इजाफा
पुरी ने कहा कि जून 2021 और जून 2023 के बीच भारत में पेट्रोल की कीमतों में 2.36 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि इस अवधि के दौरान पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल में क्रमश: 50.83 फीसदी, 30.11 फीसदी, 79.61 फीसदी और 42.39 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के आंकड़ों का हवाला देते हुए पुरी ने कहा कि इस अवधि के दौरान अमेरिका में पेट्रोल की कीमतों में 30.15 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और कनाडा में क्रमश: 22.67 फीसदी, 19.08 फीसदी, 14.68 फीसदी, 17 फीसदी, 10.93 फीसदी और 24.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
तेल की कीमतों को लेकर सरकार की विपक्ष की आलोचना पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जुलाई में गुवाहाटी में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 98.03 रुपये (बीजेपी शासित राज्य) थी, जबकि कोलकाता में कीमत 106.03 रुपये (तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य) थी. उन्होंने कहा कि जुलाई में लखनऊ में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 96.57 रुपये थी, जबकि बेंगलुरु में यह 101.94 रुपये थी.