नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड का एक बड़ा आकर्षण भारतीय सेनाओं के माचिर्ंग दस्ते व उनसे जुड़े सैन्य उपकरण रहे। खास बात यह रही कि इस वर्ष नौसेना और वायु सेना के माचिर्ंग दस्तों का नेतृत्व महिला अधिकारियों ने किया। भारतीय सेना की टुकड़ी में 61 कैवलरी की वर्दी में पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायजादा शौर्य बाली ने किया। 61 कैवलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है, जिसमें सभी ‘स्टेट हॉर्स यूनिट्स’ का संयोजन है।
भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के एक माउंटेड कॉलम, नौ मैकेनाइज्ड कॉलम, छह माचिर्ंग टुकड़ियों और आर्मी एविएशन कॉर्प्स के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) द्वारा एक फ्लाई पास्ट द्वारा किया गया।
गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस), बीएमपी-2 एसएआरएटीएच का इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल, के-9 वज्र-ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मैकेनाइज्ड कॉलम में मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश (नई पीढ़ी के उपकरण) मुख्य आकर्षण रहे।
मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट और गोरखा ब्रिगेड सहित सेना की कुल छह टुकड़ियां शानदार परेड करते हुए सलामी मंच से आगे बढ़ी।
इस वर्ष परेड का एक और आकर्षण पूर्व सैनिकों की झांकी रही, जिसका शीर्षक ‘संकल्प के साथ भारत के अमृत काल की ओर’ – एक वयोवृद्ध ‘प्रतिबद्धता’ था। सैनिकों की इस मौजूदगी ने पिछले 75 वर्षों में दिग्गजों के योगदान और ‘अमृत काल’ के दौरान भारत के भविष्य को आकार देने में उनकी पहल की एक झलक प्रदान की।
भारतीय नौसेना दल में 144 युवा नाविक शामिल हुए। इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत कंटिजेंट कमांडर कर रही थीं। मार्च करने वाली टुकड़ी में पहली बार तीन महिलाएं और छह अग्निवीर शामिल हैं। इसके बाद नौसेना की झांकी रही, जिसे ‘इंडियन नेवी – कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल, कोहेसिव एंड फ्यूचर प्रूफ’ थीम पर डिजाइन किया गया है। इसने भारतीय नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं, नारी शक्ति और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अंतर्गत स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित संपत्तियों को प्रदर्शित किया।
झांकी के आगे के हिस्से में डोर्नियर विमान के महिला चालक दल को दिखाया गया, जो पिछले वर्ष किए गए सभी महिला चालक दल की निगरानी को उजागर कर रहा था। झांकी का मुख्य भाग नौसेना की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को प्रदर्शित कर रहा था। समुद्री कमांडो तैनात ध्रुव हेलीकॉप्टर के साथ नए स्वदेशी नीलगिरी वर्ग के जहाज का एक मॉडल भी यहां मौजूद रहा। किनारों पर स्वदेशी कलवारी श्रेणी की पनडुब्बियों के मॉडल दर्शाए गए। झांकी का पिछला भाग आईडीईएक्स-स्प्रिंट चैलेंज के अंतर्गत स्वदेशी रूप से विकसित की जा रही स्वायत्त मानव रहित प्रणालियों के मॉडल प्रदर्शित कर रहा था।
स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी के नेतृत्व में भारतीय वायु सेना के दल में 144 वायु सैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए। वायु सेना की झांकी, ‘सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति’ विषय पर तैयार की गई है, जो एक घूमते हुए ग्लोब को प्रदर्शित कर रही थी। यह भारतीय वायुसेना की विस्तारित पहुंच को उजागर करती है, जिससे यह सीमाओं के पार मानवीय सहायता प्रदान करने में सक्षम रही है, साथ ही मित्र देशों के साथ अभ्यास भी किया गया है। यहां लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस एमके-2, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’, एयरबोर्न अर्ली वानिर्ंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट नेत्रा और सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी प्रदर्शित किए गए। झांकी में लेजर डेजिग्नेशन उपकरण और विशेषज्ञ हथियारों के साथ लड़ाकू गियर में गरुड़ की एक टीम भी प्रदर्शित की गई।