सूरजपुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने सरगुजा में हार की जिम्मेदारी खुद ली है। उन्होंने कहा जो जितने बड़े पद पर है उसकी जिम्मेदारी उतनी ही ज्यादा है। पिछला सब भूल कर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए काम करना है। आठ विधानसभा में हम करीब एक लाख तिहत्तर हजार चार सौ वोट से पीछे रहे हैं। इस अंतर को पाट कर जीत हासिल करने के लिए प्रयास करना होगा।
चुनाव में हार की समीक्षा बैठक में पूर्व उप मुख्यमंत्री सिंह देव ने कहा परिणाम अप्रत्याशित है सरगुजा और बस्तर की 26 सीटों में हम सिर्फ चार सीट जीत पाए जबकि मैदानी क्षेत्रों आदिवासियों के लिए आरक्षित 9 में से 7 सीट कांग्रेस पार्टी जीती है। यह कहना ठीक नहीं होगा कि आदिवासियों का समर्थन कांग्रेस को नहीं मिला। बस्तर की परिस्थितियों दूसरी थी, वहां अल्पसंख्यक सामुदाय कांग्रेस से नाराज था। जातीय संघर्ष को लेकर उपजे हालात में उन्हें सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।
दिल्ली में चुनाव पूर्व कोर कमेटी की बैठक में मैंने इस बात को रखा था। सरगुजा में दूसरी परिस्थिति थी। पिछले चुनाव में सरगुजिया सरकार को लेकर लोगों में जो उत्साह था वह इस बार नहीं देखा गया। हराने के लिए चक्रव्यूह रचा जा रहा था जानते हुए भी मैं अभिमन्यु नहीं बन सका। यह मेरी कमी है। शहर में पीछे रहे। लखनपुर में उम्मीद के मुताबिक परिणाम रहा। अम्बिकापुर ग्रामीण पिछड़े,उदयपुर ने संभाला लेकिन थोड़े अंतर से चूक गए। उन्होंने फिर हार कर मैदान न छोडऩे की बात दोहराई। कहा यदि जीत जाता तो किसी की नहीं सुनता, अगली पीढ़ी के लिए जगह छोड़ देता मगर अब जब तक आप लोग चाहेंगे आपके साथ रहूंगा। परिणाम अप्रत्याशित था। अंबिकापुर और सीतापुर की जीत को लेकर वे निश्चित थे।
लुंड्रा में संशय था। सीतापुर को लेकर भले ही कई तरह की बात कर रहे थे लेकिन सीतापुर बीजेपी कभी नहीं जीती थी। अमरजीत ने वहां खूब मेहनत की थी। उन्होंने कहा कांग्रेस धर्म निरपेक्ष पार्टी है। हमे उसके सिद्धान्त से समझौता नहीं करना है। इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठित घोषणा पत्र समिति का संयोजक बनाए जाने पर कांग्रेस जनों ने उन्हें बधाई दी। जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने इसके लिए पार्टी नेतृत्व के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। जिसका समर्थन प्रदेश महामंत्री द्वितेन्द्र मिश्रा ने किया।