नई दिल्ली . भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक माह से अधिक समय से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को रविवार को कानून हाथ में लेने पर वहां से हटा दिया गया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि पहलवानों को अब जंतर मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी. कल प्रदर्शनकारियों ने उनसे किए गए सभी अनुरोधों के बावजूद कानून का उल्लंघन किया. इसीलिए धरने को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है.
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अगर पहलवान फिर से धरने पर बैठना चाहते हैं, और उन्होंने इसके लिए आवेदन दिया तो उन्हें किसी और उचित जगह पर बैठने की अनुमति दे दी जाएगी, लेकिन उन्हें जंतर-मंतर पर फिर से धरने पर बैठने नहीं दिया जाएगा.
रविवार सुबह पहलवानों ने बैरिकेड फांदकर सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की तो पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी. हिरासत में लेने के दौरान पुलिसकर्मियों से जमकर हाथापाई व झड़प हुई.
इस घटना में चार महिला जवान सहित करीब 10 पुलिसकर्मियों को चोट आई. उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पहलवानों व उनके समर्थकों को हिरासत में लेकर हटाने के बाद पुलिस ने उनके टेंट उखाड़कर गद्दे, कारपेट, कूलर व अन्य सामान को ट्रकों में लादकर एनडीएमसी के पास जमा करा दिया. माना जा रहा है कि अब फिर से पहलवानों को जंतर-मंतर पर धरना देने की अनुमति नहीं मिलेगी.
खिलाड़ियों से अभद्रता किए जाने के आरोपों पर पुलिस ने कहा, किसी महिला खिलाड़ी से अभद्रता नहीं हुई. महिला पुलिस कर्मियों ने ही डिटेन किया. इतने बड़े खिलाड़ियों को खुद ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए.
विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक समेत कई लोगों के खिलाफ दंगा करने समेत कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. दरअसल नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान पहलवानों ने उसी के सामने महिला महापंचायत करने का ऐलान किया था. लेकिन पुलिस ने उन्हें संसद तक मार्च निकालने नहीं दिया और विरोध करने पर तमाम पहलवानों को हिरासत में ले लिया. इसके बाद उनका सामान और टेंट हटाकर जंतर मंतर पर धारा 144 लागू कर दी.