नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने बुधवार को बताया कि पहलवानों के मामले के जांचकर्ता जल्द ही अदालत में चैट, वीडियो और 150 से अधिक गवाहों के बयान पेश करेंगे। सूत्र के मुताबिक, पुलिस ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के दफ्तर के सीसीटीवी फुटेज सहित कई वीडियो एकत्र किए हैं।
इससे पहले, पुलिस पांच विदेशी कुश्ती महासंघों से जानकारी लेने के लिए पहुंची थी, क्योंकि कई पहलवानों ने विदेशों में टूनार्मेंट के दौरान उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वह फिलहाल इन महासंघों के जवाबों का इंतजार कर रही है। पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र के बारे में अधिकारियों ने कहा कि पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने जांच की प्रगति की समीक्षा की है और आगे बढ़ने की मंजूरी दी है।
अधिकारी ने कहा, जांच अधिकारी अब आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करेंगे और राउज एवेन्यू कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेंगे। दिल्ली पुलिस ने अप्रैल में यौन उत्पीड़न के आरोपों के आधार पर डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ दो अलग-अलग प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत तथा महिला के शीलभंग से जुड़ी आईपीसी की धाराओं के तहत दायर की गई है।
दूसरी प्राथमिकी वयस्क शिकायतकर्ताओं की गई शिकायतों की व्यापक जांच पर केंद्रित है और इसमें शीलभंग करने से संबंधित आईपीसी की प्रासंगिक धाराएं शामिल हैं। मामले में शामिल नाबालिग पहलवान के पिता ने दावा किया है कि उन्होंने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न की ‘झूठी’ शिकायत दर्ज कराई है। पिता का आरोप है कि उनकी हरकतें कुश्ती संघ प्रमुख द्वारा अपनी बेटी के प्रति कथित पक्षपातपूर्ण व्यवहार पर गुस्से और हताशा से प्रेरित थीं।