नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि इस बार का बजट भारत के विकास के लिए समावेशी वित्तीय क्षेत्र का रोडमैप पेश करता है। मोदी ने ‘विकास के अवसर पैदा करने के लिए वित्तीय सेवाओं की क्षमता बढ़ाना’ शीर्षक से बजट के बाद के वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था की हर चर्चा में विश्वास और अपेक्षाओं ने प्रश्नों की जगह ले ली है। भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का ब्राइट स्पॉट कहा जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “आज आपके पास ऐसी सरकार है जो साहस, स्पष्टता और विश्वास के साथ नीतिगत फैसले ले रही है, आपको भी कदम बढ़ाना होगा।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि समय की मांग है कि भारत की बैंकिंग प्रणाली की ताकत का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे। मोदी ने जोर देकर कहा, “वित्तीय समावेशन से संबंधित सरकार की नीतियों ने करोड़ों लोगों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली का हिस्सा बनाया है।” प्रधानमंत्री ने प्रतिभागियों को सूचित किया, “समय की आवश्यकता है कि भारत की बैंकिंग प्रणाली में ताकत का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना चाहिए।”
एमएसएमई क्षेत्र को सरकार के समर्थन का उदाहरण देते हुए, मोदी ने बैंकिंग प्रणाली को अधिक से अधिक क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, “महामारी के दौरान 1 करोड़ 20 लाख एमएसएमई को सरकार से बड़ी मदद मिली है। इस साल के बजट में एमएसएमई सेक्टर को 2 लाख करोड़ रुपए का गारंटीकृत क्रेडिट भी मिला है। अब यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारे बैंक उन तक पहुंचें और उन्हें पर्याप्त वित्त प्रदान करें।” स्थानीय रूप से बने उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि “वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भरता की ²ष्टि एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।”
मोदी ने कहा, “लोकल के लिए वोकल भारतीय कुटीर उद्योग के उत्पादों को खरीदने से बड़ा है। हमें यह देखना होगा कि ऐसे कौन से क्षेत्र हैं जहां हम भारत में ही क्षमता निर्माण कर देश का पैसा बचा सकते हैं।” उन्होंने निजी क्षेत्र से सरकार की तरह ही अपना निवेश बढ़ाने का आग्रह किया, ताकि देश को इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने आगे कहा, “कर आधार में वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि लोगों का सरकार में विश्वास है और उनका मानना है कि वे जो कर दे रहे हैं, वह जनता की भलाई के लिए खर्च किया जा रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इंडस्ट्री 4.0’ के दौर में भारत द्वारा विकसित प्लेटफॉर्म दुनिया के लिए मॉडल बन रहे हैं। डिजिटल भुगतान के बुनियादी ढांचे का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, “रुपे और यूपीआई न केवल कम लागत वाली और अत्यधिक सुरक्षित तकनीक है, बल्कि दुनिया में हमारी पहचान है।”