नई दिल्ली. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने अपनी कैबिनेट में एक बड़ा बदलाव किया है. अब मंत्री आतिशी मार्लेना (Atishi Marlena) को सर्विस और विजिलेंस डिपार्टमेंट (Service and Vigilance Departments) भी दिए गए हैं. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सोमवार को राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पास हुआ है. अभी तक ये दोनों विभाग सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) संभाल रहे थे. इसके बारे में सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) को फाइल भेज दी है.
यह कदम दिल्ली सर्विस बिल के संसद से पास होने के एक दिन बाद सामने आया है. यह विधेयक केंद्र को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नौकरशाही पर नियंत्रण देगा. यह विधेयक दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के तबादले और तैनाती के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिए लागू अध्यादेश की जगह लेगा. उपराज्यपाल वी के सक्सेना के कैबिनेट में फेरबदल के प्रस्ताव को जून में मंजूरी दिए जाने के बाद आतिशी को राजस्व, योजना और वित्त विभागों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. ये तीन विभाग पहले परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के पास थे. आतिशी दिल्ली कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री हैं. वह अब 14 विभाग संभालेंगी. दिल्ली सरकार में सबसे अधिक विभागों का प्रभार उन्हीं के पास है.
राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पास होने के तुरंत बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ है और भाजपा की केंद्र सरकार पर पिछले दरवाजे से सत्ता ‘हथियाने’ की कोशिश करने का आरोप लगाया. संसद ने सोमवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को पास कर दिया, जो दिल्ली सरकार में नौकरशाही पर केंद्र सरकार को नियंत्रण देता है. राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 131 और विरोध में 102 वोट पड़े. गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि प्रस्तावित विधान का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रदान करना है.
वहीं सीएम केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की जनता बीजेपी को एक भी सीट नहीं देगी. केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा उनके और AAP सरकार के कामकाज का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है और इसलिए दिल्ली के लोगों पर ‘अत्याचार’ कर रही है. केजरीवाल ने कहा कि ‘आज जो कानून पारित किया गया है. उसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार के श्रेणी ए से श्रेणी डी तक के सभी कर्मचारियों के तबादले और तैनाती की नीति केंद्र द्वारा बनाई जाएगी.’ उन्होंने कहा कि ‘क्या अब प्रधानमंत्री तय करेंगे कि दिल्ली सरकार का एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी क्या काम करेगा? क्या यही प्रधानमंत्री का काम है?’