दिल्ली। G-20 सदस्य देशों के बीच सबकी सहमित से ‘नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ (नई दिल्ली घोषणापत्र) को अपनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी शेयर की. उन्होंने कहा कि अभी-अभी अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीमों की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण नई दिल्ली जी-20 लीडर्स शिखर सम्मेलन घोषणा पर आम सहमति बन गई है. मैं अपने मंत्रियों, शेरपा और सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से इसे संभव बनाया. गौरतलब है कि पहले रूस-यूक्रेन के मुद्दे को लेकर इस घोषणा-पत्र को मंजूरी मिलने में दिक्कतें आ रही थीं.
G-20 Summit के पहले दिन इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर लॉन्च हुआ. इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि इन्फ्रा डील से शिपिंग समय और लागत कम होगी, जिससे व्यापार सस्ता और तेज होगा. इसे चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना के विकल्प के रूप में पेश किया जा रहा है. इस कॉरिडोर का उद्देश्य संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, जॉर्डन और इजराइल से होते हुए भारत से यूरोप तक फैले रेलवे मार्गों और बंदरगाह लिंकेज को एकीकृत करना है. रेल लिंक से भारत और यूरोप के बीच व्यापार करीब 40% तक तेज हो सकता है. भारत के इस प्रस्ताव पर सदस्य देशों की रजामंदी, चीन के लिए बड़े झटके से कम नहीं है. इस ऐलान से चीन के प्रोजेक्ट बीआरआई को तगड़ा झटका लगा है, जिसा भारत पहले से विरोध करता रहा है.
भारत के एक और प्रस्ताव पर रजामंदी दी गई है. समिट के पहले दिन ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया गया. इसका उद्देश्य टिकाऊ बायोफ्यूल का इस्तेमाल बढ़ाना है. बायोफ्यूल पेड़-पौधों, अनाज, शैवाल, भूसी और फूड वेस्ट से बनने वाला ईंधन होता है और इसे कई तरह के मायोमास से निकाला जाता है. इसमें कार्बन की कम मात्रा होती है. अगर इसका इस्तेमाल बढ़ेगा तो दुनिया में पारंपरिक ईंधन पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा. इसके साथ ही PM Modi ने ‘वन अर्थ’ पर G20 Summit में पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए G20 सैटेलाइट मिशन शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा और नेताओं से ग्रीन क्रेडिट पहल पर काम शुरू करने का आग्रह किया.