कन्नौज शहर के इत्र कारोबारियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां मिले भारी कैश के बाद अब सपा एमएलसी इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन निवासी चिपट्टी और अयूब मियां के आवास और कारखानों में आईटी की टीमों ने छापा मारा है।
इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन अखिलेश यादव के करीबी है और हाल में उन्होंने समाजवादी इत्र लांच किया था। आज अखिलेश यादव कन्नौज में प्रेसवार्ता करने आ रहे थे उनके आने से पहले शुरू हुई कारवाई को लेकर हलचल बढ़ गई।
एमएलसी पुष्पराज जैन की इत्र की फैक्टरी पर कार्रवाई
कानपुर के इत्र व्यवसायी पीयूष जैन के यहां छापेमारी के बाद अब पुष्पराज जैन की कस्बा हसायन में इत्र की फैक्टरी पर कई टीमों ने छापेमार कार्रवाई की। यह टीमें कई गाड़ियों में यहां आई और अपनी कार्रवाई शुरू कर दी। यह फैक्ट्री पिछले कई साल से बंद थी।
वहीं, एमएलसी इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी के खिलाफ हुई कार्रवाई पर समाजवादी पार्टी ने हमला बोला है। ट्वीट करते हुए लिखा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कन्नौज में प्रेसवार्ता की घोषणा करते ही भाजपा सरकार ने सपा एमएलसी पम्पी जैन के यहां छापामार कार्रवाई करनी शुरू कर दी। भाजपा का डर और बौखलाहट साफ है, जनता भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार है।
पान मसाला कंपनी और ट्रांसपोर्टर से पीयूष के कारोबारी रिश्तों की जांच शुरू
उधर, इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित आवासों से मिली 197 करोड़ रुपये की नकदी को सीज कर डीजीजीआई ने शिखर पान मसाला के मालिक प्रदीप अग्रवाल, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन से उसके कारोबारी रिश्तों की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी जुटा रही डीजीजीआई की टीम
बीते वर्षों के दौरान इनके बीच हुए कारोबार की जानकारी जुटाई जा रही है। जांच एजेंसी यह पता कर रही है कि इनके बीच कितने साल से कारोबार चल रहा है, ट्रांसपोर्टर की इसमें क्या भूमिका है, कितने ट्रकों से कर चोरी या कैश इधर-उधर किया जा रहा था?
डीजीजीआई (महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस) अहमदाबाद की टीम ने 22 दिसंबर को तीनों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। सूत्रों के अनुसार, कंपाउंड, पान मसाला और ट्रांसपोर्ट का एक-दूसरे से सीधा संबंध है। इस कारोबार में सबसे ज्यादा कर चोरी की संभावना होती है।
इस मामले में भी बड़े पैमाने पर कर चोरी पकड़ी गई है। पीयूष के शहर स्थित आवास से 177.45 करोड़ और कन्नौज स्थित आवास से 19 करोड़ रुपये मिले हैं। कोर्ट में पेश दस्तावेजों में पीयूष के बयानों के आधार पर डीजीजीआई ने इस धनराशि को टर्नओवर माना है।
प्रारंभिक छानबीन के बाद इत्र कारोबारी को जीएसटी अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। नकदी भी एसबीआई में जमा कर दी गई है। नियमानुसार इसकी एफडीआर बनवा दी गई। अब पान मसाला कारोबारी और ट्रांसपोर्टर की जांच तेज कर दी गई है।
ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन जीएसटी में कई बार ब्लैकलिस्ट हो चुका है। उस पर कर चोरी, ट्रक को पास कराने संबंधी तमाम आरोप लग चुके हैं। अब विभागीय अफसर उसके खिलाफ की गई कार्रवाई से जुड़ी जानकारी जुटा रहे हैं, ताकि कर चोरी के पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके।