नई दिल्ली. बीते कुछ दिनों से पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) लगातार सुर्खियों में है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी के बाद नए डिपॉजिट्स लेने और क्रेडिट ट्रांजैक्शंस पर रोक लगा दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रुख में क्या नरमी की अब भी कोई गुंजाइश बची है?
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार (12 फरवरी) को कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा करने की ‘शायद ही कोई गुंजाइश’ है. गौरतलब है कि आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य साधनों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया था.
पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कार्रवाई के रिव्यू की गुंजाइश नहीं
दास ने सोमवार को दिल्ली में कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए ‘शायद ही कोई गुंजाइश’ है. उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई व्यापक मूल्यांकन के बाद ही विनियमित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करता है. दास ने इस बात पर जोर दिया कि रेगुलेटर फिनटेक क्षेत्र का समर्थन करता है और वह ग्राहकों के हितों की रक्षा के साथ ही वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है.
Paytm ने एम दामोदरन की अगुवाई में बनाई ग्रुप एडवाइजरी कमिटी
9 फरवरी को पेमेंट्स कंपनी ने कहा कि मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन की अगुवाआई में एक ग्रुप एडवाइजरी कमिटी बनाई है. यह कमिटी इसे कंप्लॉयंस और रेगुलेशन पर सलाह देगी. 3 सदस्यों की इस कमिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के पूर्व प्रेसिडेंट एमएम चिताले और आंध्रा बैंक के पूर्व सीएमडी आर रामचंद्रन हैं.