रीपा योजना में गड़बड़ी का मामला सदन में गूंजा: डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने की जांच की घोषणा

रायपुर। ग्रामीण औद्योगिक पार्क (RIPA) पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने ही सरकार को घेरा. सत्तापक्ष के विधायकों के सवाल पर सरकार ने जांच का ऐलान किया. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि 300 RIPA में 600 करोड़ रुपए से अधिक खर्च की मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी तीन महीने की समयावधि में जांच करेगी. वहीं एडवोकेट जनरल से ऑडिट कराया जाएगा.

भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने सदन में ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) का मामला उठाते हुए सवाल किया कि रीपा के लिए किस-किस मद से राशि दी गई? पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 2021-22 के लिए 441 करोड़ का बजट स्वीकृत था. 260 करोड़ का भुगतान हुआ है. बाक़ी राशि शेष है. डीएमएफ सहित कई मदों से राशि दी गई है.

भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि रीपा के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया. दंतेवाड़ा के एक रीपा के लिए 90 लाख रुपए की ख़रीदी की गई. सरपंचों से ज़बरदस्ती दस्तख़त करवा लिया गया. मंत्री और अधिकारियों को जानकारी नहीं है. पूरे रीपा में छह सौ करोड़ की गड़बड़ी है. क्या मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच की जाएगी? जो 300 रीपा बनाया गया है, उसका भौतिक सत्यापन किया गया है या नहीं?

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि रीपा के लिए डीएमएफ, रूर्बन मिशन और एसबीएम जैसे मदों से भी पैसा दिया गया है. इस मामले का उपाय सिर्फ़ इसकी जांच ही हो सकती है. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि भौतिक सत्यापन की जहां तक बात है, मैंने ख़ुद कई रीपा का जायज़ा लिया है.

भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि सरपंचों पर दबाव डालकर दस्तख़त कराए गए. कई सरपंचों को भुगतान नहीं हुआ है. सरपंच किसी भी दिन आत्महत्या कर सकते हैं. सरकार बदलने से सरपंचों के भुगतान पर संशय की स्थिति है. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस मामले में सरकार का बहुत पैसा लग गया है. इसके फ़ाइनेशियल पहलू की भी जांच की जाएगी.

धरमलाल कौशिक और अजय चंद्राकर ने कहा कि रीपा के नाम पर जो ख़रीदी की गई मौक़े पर वह है ही नहीं? जांच की समय सीमा तय होनी चाहिए. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि तीन महीने के भीतर जांच पूरी करा ली जाएगी.

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