बिलासपुर। जिला न्यायालय के लिपिक ने फर्जी चालान बना अदालत द्वारा वसूले गए अर्थदंड की राशि का गबन कर लिया। अलग अलग चालानों में कूटरचना कर 7 लाख 78 हजार 790 रुपए गबन करने वाले कोर्ट के लिपिक को 3 साल कैद व अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।
जानकारी अनुसार हेमन्त ताम्रकार वर्ष 1994 से 1996 तक न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के न्यालय में दाण्डिक प्रस्तुतकार लिपिक के पद पर पदस्थ थे। उन्होंने अपनी पदस्थापना के दौरान न्यायालय द्वारा विभिन्न तिथियों को वसूले गए अलग अलग अर्थदण्ड को जिला एवं सत्र न्यायालय भारतीय स्टेट बैंक कलेक्टोरेट शाखा के खाता में जमा न कर फर्जी सील, फर्जी चालान नम्बर डालकर प्रतिभूति, चालानों को कूट रचना करते हुए अलग अलग तिथियों में गबन किया। इस तरह आरोपी हेमन्त ताम्रकार के द्वारा अपने कार्यकाल में अलग अलग व्यक्तियों से अलग अलग तिथियों में वसूले गए 7 लाख 78 हजार 790 रुपए का गबन किया गया था।
गबन पर तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्देश पर न्यायालय अधीक्षक केएस ठाकुर द्वारा सिविल लाइन में रिपोर्ट लिखाई गई थी। सिविल लाइन पुलिस ने धारा 420, 408, 466, 467, 468, 471, 472, 474, 475, 477 ए के तहत अलग अलग 6 प्रकरण दर्ज कर चालान कोर्ट में पेश किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार दुबे ने प्रकरण में आये तथ्यों एवं साक्ष्यों का मूल्यांकन कर आरोपी हेमंत ताम्रकार के विरूद्ध लंबित प्रकरण क्र. 4801/ 99, 4797/ 99, 4792/ 99, 4775/ 99, 4751 / 99, 4743/ 99 कुल प्रकरणों में निर्णय सुनाया है, जिसमें आरोपी हेमंत ताम्रकार को प्रत्येक प्रकरण में धारा 409, 466, 467, 468, 471, 472, 474, 475, 477 ए में पृथक पृथक तीन तीन साल सश्रम कारावास व 1000, 1000 रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.. अर्थदण्ड की राशि नहीं पटाने पर तीन माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी। शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने पैरवी की है।