बलौदाबाजार। पूर्व जनपद सदस्य और कांग्रेस नेता दयाराम जायसवाल की हत्या का खुलासा कसडोल पुलिस ने 24 घंटे के अंदर कर दिया है. पूरा मामला जमीन विवाद का बताया जा रहा है, जिसमें आरोपी कोई और नहीं बल्कि मृतक के रिश्ते में भाई और भतीजे हैं.
14 मार्च को कसडोल थाना के असनीद -हटौद मार्ग में अल सुबह मॉर्निंग वॉक में निकले पूर्व जनपद सदस्य एवं कांग्रेस नेता दयाराम जायसवाल की खून से लथपथ लाश मिली थी. सड़क पर आने-जाने के जरिए खबर पुलिस तक पहुंची. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने हत्या को समझने में देरी नही की. जिस ट्रैक्टर के जरिए मृतक को मौत के घाट उतारा था, पुलिस वाले उस ट्रैक्टर की तलाश में जुट गए.
पड़ताल के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी के परिवार के ही पास ट्रेक्टर देखा, जिसका नजदीक जाकर मुआयना करने पर घटना स्थल पर मिले आरोपी को चप्पल का जोड़ा ट्रेक्टर में मिला. ट्रेक्टर में लगे कीचड़ व खून के धब्बे भी सबूत के रूप में मिल गए. इसके साथ कसडोल पुलिस ने तत्काल आरोपियों को दबोच लिया. रिश्ते में भाई और भतीजे लगने वाले तीनों आरोपियों के खिलाफ 302, 120 बी, 201 भादवि कायम कर रिमांड में जेल भेज दिया गया.
कसडोल थाना प्रभारी मंजुलता राठौर ने बताया कि पूरा मामला जमीन विवाद का है. आरोपी रामसागर जायसवाल के दिवंगत भाई सुखसागर जायसवाल के नाम से असनीद में ही 3 एकड़ जमीन वसीयत किया था. सुखसागर 10 वर्षों से जमीन पर खेती कर रहा था. एक साल पहले सुखसागर की मौत के बाद मृतक दयाराम जायसवाल जमीन को अपने सुपुर्द करने के लिए जयराम चौहान पर दबाव बनाने लगा.
मृतक दयाराम जायसवाल ने हाल ही में दिल्ली में रहने वाले जयराम चौहान ने बेचे गए धान का पैसा भी जयराम चौहान को निकालकर अपने पास रखने के लिए बोला, तब जयराम ने सभी रुपये को बैंक से जाकर निकाल लिया. इसी बात को लेकर 13 मार्च को आरोपियों और मृतक के बीच कहासुनी भी हुई थी. जिसके बाद रात में ही दयाराम की हत्या की साजिश आरोपियों ने रच डाली थी.