जूनियर अधिवक्ताओं की ट्रेनिंग के लिए बनेगी कार्ययोजना : सीएम भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जूनियर अधिवक्ताओं को न्यायालयीन काम-काज की ट्रेनिंग देने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। ट्रेनिंग से जूनियर अधिवक्ताओं को फील्ड में काम करने में जहां ज्यादा सुविधा होगी, वहीं न्याय की मांग करने वाले नागरिकों को भी इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यह घोषणा की। श्री बघेल ने कार्यक्रम के दौरान दुर्ग बार एसोसिएशन के कक्ष में आदर्श बैठक व्यवस्था और लाइब्रेरी के आधुनिकीकरण के लिए मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून की पढ़ाई करने के बाद जब जूनियर वकील न्यायालय आते हैं तो न्यायालय की कार्रवाई की पद्धति आदि का ज्ञान कम होने के कारण उन्हें आरंभिक रूप से काफी कठिनाई होती है, इसके निराकरण के लिए विधि विभाग द्वारा प्रशिक्षण की कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वकील का कार्यक्षेत्र व्यापक होता है। उन्हें तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर आदि के न्यायालयों में भी जाना होता है। निर्वाचन के दौरान भी अभ्यर्थी उनके संपर्क में आते हैं तथा अनेक तरह के डाक्यूमेंट लगते हैं जिसके लिए प्रत्याशी वकीलों के पास जाते हैं। यदि अधिवक्ता प्रशिक्षित होंगे, तो वे ज्यादा बेहतर तरीके से अपना कार्य कर पाएंगे।

कार्यक्रम के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव ने जूनियर अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण के संबंध में यह सुझाव मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उनके सुझाव की सराहना करते हुए इसे उपयोगी बताया और जूनियर अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण के स्वरूप तथा विभिन्न पहलुओं पर ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव को साैंपी। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट तैयार कर वे इसे राज्य शासन के विधि विभाग को भेजे। जिस पर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर अपने संबोधन में देश और प्रदेश में वकालत की उज्ज्वल परंपरा पर भी प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों गांधी, नेहरू, पटेल, अंबेडकर, डा. राजेंद्र प्रसाद जैसी विभूतियों ने स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई न्यायालय के भीतर भी लड़ी और बाहर भी लड़ी। देश की आजादी में वकीलों का बड़ा योगदान है। प्रदेश में भी बैरिस्टर छेदीलाल, घनश्याम गुप्त, ठाकुर प्यारेलाल जैसी विभूतियों ने अपने कानूनी ज्ञान से बड़ा योगदान दिया। दुर्ग से घनश्याम गुप्त तो संविधान की हिंदी ड्राफ्ट कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने कहा कि हिदायतुल्लाह जैसी विभूति के नाम पर छत्तीसगढ़ में विधि विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि यह उज्ज्वल परंपरा आगे बढ़ानी है और आप लोग इसके प्रति बेहद सजग होकर कार्य कर रहे हैं।

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