कोलकाता का दुर्गा उत्सव : कोलकाता का दुर्गा उत्सव (Durga Utsav) एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ता है। यह उत्सव कला, संस्कृति और आस्था का एक अद्भुत संगम है। दुर्गा प्रतिमाएं न सिर्फ धार्मिक महत्व रखती हैं, बल्कि यह कला का एक अद्भुत नमूना भी हैं। इन प्रतिमाओं को बनाने में हर कलाकार अपनी रचनात्मकता और कौशल का अद्भुत प्रदर्शन करता है यही वजह है कि कोई भक्त इसे देखते ही मंत्रमुग्ध हो जाता है।
इस बीच, क्या आप जानते हैं कि कोलकाता में दुर्गा प्रतिमाओं को संरक्षित करने के लिए एक विशेष संग्रहालय (Maa Phire Elo Museum) बनाया गया है? जी हां, यहां शहर भर के पंडालों से सर्वश्रेष्ठ दुर्गा मूर्तियों को प्रदर्शित किया जाता है, जिससे लोग साल भर इन कलाकृतियों के दर्शन का आनंद ले सकते हैं।
कोलकाता की दुर्गा पूजा की झलक
दक्षिण कोलकाता के शांत और सुंदर वातावरण में स्थित रवींद्र सरोवर परिसर के भीतर एक ऐसा संग्रहालय है जो कला और आस्था का अद्भुत संगम है। वर्ष 2012 में स्थापित ‘मां फिरे एलो’ संग्रहालय में कोलकाता के प्रसिद्ध पंडालों से देवी दुर्गा की कुछ अद्भुत कलाकृतियां और मूर्तियां संरक्षित हैं।
यह संग्रहालय सिर्फ दुर्गा प्रतिमाओं तक ही सीमित नहीं है। यहां आपको टेराकोटा की मनमोहक कृतियां, पेंटिंग्स और अन्य कलाकृतियां भी देखने को मिलेंगी। इन कलाकृतियों के द्वारा आप कोलकाता की दुर्गा पूजा की समृद्ध विरासत और कलात्मकता को करीब से महसूस कर सकते हैं।
संग्रहालय में कोलकाता के नाकतला उदयन संघ और बोसपुकुर तालबागान सहित विभिन्न दुर्गा पूजा समितियों की कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। ये समितियां अपनी दुर्गा मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं और इनकी कलाकृतियां यहां विशेष तौर पर रखी गई हैं। संग्रहालय में प्रवेश करते ही आपको लगता है कि आप कोलकाता के किसी प्रसिद्ध पंडाल में खड़े हैं।
कोलकाता का दुर्गा उत्सव
कोलकाता का दुर्गा उत्सव अपने आप में एक अनूठा अनुभव है। शहर में 4,000 से अधिक स्थानों पर मां दुर्गा की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं और पूरे धूमधाम से इनकी पूजा की जाती है। ये प्रतिमाएं न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं बल्कि कला के अद्भुत नमूने भी हैं।
कल्पना कीजिए, दुर्गा पूजा के बाद भी आप अपनी प्रिय देवी के दर्शन कर सकें? दरअसल, यह विचार कुछ कला प्रेमियों के मन में आया और उन्होंने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए। ऐसे में, कुछ साल पहले एक ऐसा संग्रहालय स्थापित किया गया जहां दुर्गा पूजा के दौरान प्रदर्शित की गई आकर्षक कलाकृतियों को संरक्षित किया जाता है।