Constitution Day 2024: किसी लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए संविधान देश के नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को तय करता है। साथ ही सरकार के विभिन्न अंगों के अधिकार और कर्तव्यों को परिभाषित करता है। संविधान किसी भी देश की शासन प्रणाली और राज्य को चलाने के लिए बनाया गया एक दस्तावेज होता है। संविधान की जरूरत को महसूस करते हुए आजादी के बाद भारत ने भी संविधान को अपनाया। संविधान निर्माण के लिए कई देशों के संविधानों का अध्ययन किया गया और उनमें से अच्छे नियम कानूनों को निकालकर भारत का संविधान बनाया गया।
हर साल भारतीय संविधान के बारे में लोगों को जागरूक करने और संविधान के महत्व व आंबेडकर के विचारों और अवधारणाओं को फैलाने के उद्देश्य से संविधान दिवस मनाया जाता है।
आइए जानते हैं पहली बार संविधान दिवस कब मनाया गया। इस दिन को मनाने की वजह क्या थी और भारतीय संविधान की क्या खूबियां हैं।
संविधान दिवस कब मनाते हैं?
भारत में हर साल संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन साल 1949 में भारत का संविधान अपनाया गया था। 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद संविधान की आवश्यकता को महसूस किया गया। संविधान तैयार करने में दो वर्ष, 11 माह और 18 दिन का वक्त लगा। जिसके बाद भारत गणराज्य का संविधान 26 जनवरी 1949 को बनकर तैयार हो गया। हालांकि इसे आधिकारिक तौर पर लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है।
26 नवंबर को ही संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है?
26 नवंबर को ही संविधान को अनाधिकृत तौर पर इसलिए लागू किया गया, क्योंकि इस दिन संविधान निर्माण समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ. सर हरिसिंह गौर का जन्मदिन होता है। हालांकि पहली बार संविधान दिवस साल 2015 से मनाया गया और तब से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस?
2015 में संविधान दिवस मनाने की शुरुआत होने की भी एक वजह थी। वर्ष 2015 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती थी। आंबेडकर को श्रद्धांजली देने के लिए इसी वर्ष संविधान दिवस मनाने का फैसला गया। ये फैसला सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने लिया। इस दिन को मनाने का मकसद संविधान के महत्व और डा. भीमराव आंबेडकर के विचारों को फैलाना है।
संविधान का निर्माण किसने किया?
भारतीय संविधान के निर्माण का श्रेय डॉ. भीमराव आंबेडकर को दिया जाता है। बाबा साहेब संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। उन्हें भारतीय संविधान का जनक भी कहा जाता है। संविधान सभा में 389 सदस्य थे और डॉ. राजेंद्र प्रसाद इसके अध्यक्ष थे।
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इस में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हैं। भारतीय संविधान संघात्मक और एकात्मक दोनों तरह का है। हमारे संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों का भी जिक्र है।