यस बैंक घोटाले को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा बयान….

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में दुर्ग के यस बैंक से जुड़े 165 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के मामले में आगे सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य पुलिस को मामले की जांच के लिए अधिक समय दे दिया गया है। अब इस केस की अगली सुनवाई 21 अप्रैल 2025 को होगी। प्रभुनाथ मिश्रा की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल की डबल बेंच ने सुनवाई की। इस मामले में यस बैंक पर पुलिस जांच में सहयोग न करने के आरोप लगे थे, लेकिन बैंक की ओर से पेश वकील सौम्या शर्मा ने बताया कि बैंक ने सभी आवश्यक दस्तावेज समय पर उपलब्ध कराए हैं। बैंक ने संबंधित खातों की जानकारी पुलिस को सौंपने के लिए समय मांगा था। अब एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल एन. भारत ने अदालत को सूचित किया कि यस बैंक ने 22 फरवरी को 346 बैंक खातों का पूरा विवरण राज्य पुलिस को सौंप दिया है। कोर्ट ने राज्य पुलिस को इन खातों की गहन जांच करने का निर्देश दिया है। साथ ही, अदालत ने साफ किया कि अगर राज्य पुलिस इस मामले में कोई ठोस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाती है।
इसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी जा सकती है। अब राज्य पुलिस को 21 अप्रैल 2025 तक इस मामले में प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी। पुलिस को यह स्पष्ट करना होगा कि 13.36 करोड़ रुपये किन खातों से ट्रांसफर हुए और किसके खाते में गए। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से पता चला कि यस बैंक में 13.36 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि का लेन-देन हुआ था। यह राशि एन्ट्री नंबर 77 के तहत एक ही दिन में डेबिट और क्रेडिट की गई थी। यह रकम डायनैमिक आर्च स्ट्रक्टर नामक संस्था के माध्यम से ट्रांसफर हुई।
मामले में सरकार की ओर से बताया गया खुर्सीपार (दुर्ग) थाने में दर्ज एफआईआर के तहत आरोपी हितेश चौबे और बाबा चौहान के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है, और 13 अक्टूबर 2023 को पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट सौंप दी है, जो वर्तमान में न्यायालय में लंबित है। एक अन्य आरोपी अनिमेष सिंह अभी भी फरार है। राज्य सरकार के वकील ने अदालत को सूचित किया कि अनिमेष सिंह की तलाश जारी है। इस पर हाईकोर्ट ने डीजीपी को आदेश दिया है कि वे अगली सुनवाई तक आरोपी को पकडऩे के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी हलफनामे के रूप में प्रस्तुत करें।

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