इजरायल के लिए जासूसी करने वाले अपने तीन नागरिकों को ईरान ने दी सजा-ए-मौत…

 वाशिंगटन/तेहरान। इजरायल के साथ जंग थमने के बाद ईरान में अलग एक्शन शुरू हो गया है। युद्ध के दौरान इजरायल के लिए जासूसी करने वालों की पहचान कर उन्हें सजा दी जा रही है। बुधवार को ऐसा ही तीन नागरिकों को मौत की सजा दी गई।

‘ईरान पर हमला किया, लेकिन कुछ नहीं बिगाड़ सका अमेरिका’

अमेरिका में डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद बवाल मचा है। इस रिपोर्ट रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज किया गया है, जिसमें कहा जा रहा है कि अमेरिकी हमले के कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह नष्ट हो गया है।

CNN पर जारी रिपोर्ट के अनुसार, ईरान का परमाणु प्रोग्राम पूरी तरह नष्ट नहीं हुआ है। हां, यह कुछ महीने पीछे जरूर हो गया है, लेकिन वक्त के साथ ईरान फिर उठ खड़ा होगा और परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम करने लगेगा।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और व्हाइट हाउस ने खुफिया रिपोर्ट का तीखा विरोध किया है। ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रिपोर्ट फर्जी है और इसका उद्देश्य यह है कि हम ईरान पर और हमले करें।

बकौल ट्रंप, फर्जी समाचार सीएनएन, असफल न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ मिलकर इतिहास के सबसे सफल सैन्य हमलों में से एक को नीचा दिखाने की कोशिश में जुट गया है। ईरान में परमाणु स्थल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। टाइम्स और सीएनएन दोनों को जनता द्वारा कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, इस कथित आकलन को लीक करना राष्ट्रपति ट्रंप को नीचा दिखाने और एक बेहतरीन मिशन को अंजाम देने वाले बहादुर लड़ाकू पायलटों को बदनाम करने का एक स्पष्ट प्रयास है।

लेविट ने आगे कहा- हर कोई जानता है कि जब आप 30,000 पाउंड के 14 बम को उनके लक्ष्यों पर बिल्कुल सटीक तरीके से गिराते हैं तो क्या होता है। वे जगह पूरी तरह से नष्ट हो जाती है।

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